बनन चल्या तुम लाडा-
————————–
बनन चल्या तुम लाडा भैया बनन चल्या तुम लाडा।
बीस बरस की उमर तुम्हारी चाबत फिरय पान सुपारी
नागर की मुट्ठी नी पकड़ी करयो नी बिक्रा भाड़ा
बनन चल्या तुम लाडा भैया बनन चल्या तुम लाडा।
सूट बूट अउर कोट पहरेव बांधी तुम्न एक टाई
डोरा म काजर डाल्यो ,बन्दर सी शकल बनाई
बाटा का जूता पहरया मौजा म बांध्यो नाड़ा।
बनन चल्या तुम लाडा भैया बनन चल्या तुम लाडा।
घर म नी अन्न को दाना ,फिर भी जीप कराई
उधारी म गहना ले गया वीडियो सूटिंग कराई
बड़ा बड़ा हैरत म पड़ गया रह ख थाड़ा थाड़ा।
बनन चल्या तुम लाडा भैया बनन चल्या तुम लाडा।
गाँव गाँव ढूंढ़ी लाड़ी ,टीका म लाई एक साड़ी
पंगत भी निपटा दी तुम्न दे ख बेसन कढ़ी
शादी का दूसरा दिन सी लटकाहे तुम चीथड़ा
बनन चल्या तुम लाडा भैया बनन चल्या तुम लाडा।
बाल बढ़या है हिप्पी साई ,दाढ़ी बकरा सी बढ़ाई
पोरया पोरी सा तमाशा देखय तुम्ख शरम नी आई
मुंढा प पानी नी जरसो ,डोरा म है चिपड़ा
बनन चल्या तुम लाडा भैया बनन चल्या तुम लाडा।
ससरा जू कोट सिलाहे जिनगी भर ओख चलाहे
सिला सके नी एक कोट तुम कर ख एत्ति कमाई
करदोडा म चड्डी अटकाहे ,डाल सके नी नाडा
बनन चल्या तुम लाडा भैया बनन चल्या तुम लाडा।
नांगर का हक्ले तुमसी सम्भलत नी आय चाडा
दूसरा को तमाशा देखय ,तुमते रह्ख थाडा
लाड़ी आ जाहे घर म तुम्ख कुई नी सुदाडा
बनन चल्या तुम लाडा भैया बनन चल्या तुम लाडा।
वल्लभ डोंगरे,”सुखवाड़ा”,सतपुड़ा संस्कृति संस्थान ,भोपाल।
क्षत्रिय पवार समाज के सभी विवाह योग्य युवक युवतियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी :Register Here