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जीव और संहारक – Human and Nature

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जीव और संहारक

 

पृथ्वी फुसफुसाई लेकिन आपने सुना नहीं…!

पृथ्वी बोला लेकिन आपने सुना नहीं ..!!

पृथ्वी चिल्ला उठी लेकिन आपने उसे अनसुना कर दिया..!!!

और इसलिए मैं पैदा हुआ.. कोरोना..!!!!

 

मैं तुम्हें सजा देने के लिए पैदा नहीं हुआ..!मैं तुम्हें जगाने के लिए पैदा हुआ…!!

 

पृथ्वी ने मदद के लिए पुकारा लेकिन आपने सुना नहीं…!भारी बाढ़.. लेकिन आपने सुना नहीं…!!जलती हुई आग.. लेकिन आपने सुना नहीं…!!!भारी तूफान.. लेकिन आपने सुना नहीं…!!!!

 

तुम अब भी जब पृथ्वी को सुन नहीं रहे..!पानी में प्रदूषक तत्वों के कारण समुद्री जानवर मर रहे..!!ग्लेशियर एक खतरनाक दर पर पिघल रहे…!!!

भयंकर सूखे से भी डर नहीं रहे..!!!

अपनी प्रकृति को नकरात्मक करते रहे..!दिन प्रतिदिन युद्ध करते रहे…!! बेहिसाब लोभ लालच करते रहे…!तुम बस अपनी जिंदगी को लेकर चलते रहे…!!चाहे कितनी भी नफरत क्यों न करते रहे…!!!चाहे कितनी भी हत्याएं रोज करते रहे…!!!!

 

***..लेकिन अब मैं यहां हूं… कोरोना..*** और मैंने दुनिया को अपनी पटरियों पर रोक दिया…!मैंने तुमको अपनी चपेट में ले लिया…!!मैंने तुमको प्रकृति की शरण में दे दिया…!!!मैंने तुमको भौतिकवादी चीजों से अलग दिया है…!!!!

 

अब तुम भी पृथ्वी की तरह हो गए…!!आप केवल अपने अस्तित्व के बारे में चिंतित हो गए…!!

 

अब यह प्रकोप कैसा लग रहा है तुम बताओ और इससे बचने का कोई मार्ग तो सुझाओ..???

मैं तुम्हें बुखार देता हूं…जैसे कि पृथ्वी पर आग जलाते हो…!मैं तुम्हें श्वसन संबंधी समस्याएं देता हूं.. जैसे कि तुम मुझे प्रदूषण भरी हवा देते हो..!!मैं तुम्हें कमजोरी देता हूं जैसे कि तुम वृक्ष काटकर पृथ्वी बंजर बनाते हो…!!!

 

मैंने तेरी सुख-सुविधाओं को छीन लिया…!आपकी सैर सपाटा छीन लिया…!!डर और उसके दर्द को भूलने के लिए आप जिन चीजों का उपयोग करेंगे उनको रोक दिया…!!!और मैंने दुनिया को रोक दिया…!!!!

 

पृथ्वी की वायु गुणवत्ता बेहतर है…! आकाश स्पष्ट नीले हैं….!!तालो नदियों में पानी साफ है…!!!पक्षियों की निर्मल वायु भी साफ़ है…!!!!

 

आपके जीवन में क्या महत्वपूर्ण है…?इस पर चिंतन करने के लिए आपको समय निकालना होगा…?? मैं यहाँ तुम्हें सजा देने के लिए नहीं आया हूँ…!मैं तो सिर्फ यहाँ तुम्हें जगाने के लिए हूँ…!!

 

जब यह सब खत्म हो जायेगा…!और मेरा प्रकोप चला जायेगा…!!

तुम्हे इन पलो को याद रखना होगा…!!!

और प्रकृति के नियमो का पालन करना होगा…!!!!

पृथ्वी को सुनो…!अपनी आत्मा की सुनो…!!पृथ्वी को प्रदूषित करना बंद करो…!!!आपस में लड़ना बंद करो…!!!!

 

भौतिकवादी चीजों की देखभाल करना बंद करें…!अपने और अपनों से प्यार करना शुरू करें…!!पृथ्वी और उसके सभी प्राणियों की देखभाल करना शुरू करें…!!!एक निर्माता में विश्वास करना शुरू करें….!!!!

 

क्योंकि अगली बार मैं और भी मजबूत होकर लौट सकता हूं…!और तुम्हे सबक सीखने इस मानव जाती  का विनाश कर सकता हु…!!

 

 

महेंद्र डिगरसे – “सुखवाड़ा” – “पवार मैट्रिमोनियल”

संपर्क : 8880842536

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