माय तोन शादी कर दी गाँव म
एत्ति पढ़ा लिखा ख माय तोन शादी कर दी गाँव म
रोज सबेरे उठनू पड़य सबका आघ गाँव म।
जेठ जिठानी ताना मारय खूब रबावय काम म
साँझ सबेरे फुर्सत नी मख चूल्हा फुकू मु गाँव म।
सासू ससरा अनदेखी करय रब्ता देख मख काम म
जेठ जिठानी का आघ वी मुंढा नी खोलत गाँव म।
दुबली पतली काया मरी पेन पकड्या मन हाथ म
दातरा कुदारी फावड़ा बिना काम नी चलत गाँव म।
गोबर पानी सराय पोताय सब मरा जुम्मा म
कलेवा म देर हो जाय ते सब भोबाय गाँव म।
कपडा लत्ता धोनो धानो लकड़ी फाटा गाँव म
साँझ सबेरे चौका बर्तन म फसी जिनगी गाँव म।
ई ते एत्ता भोरा है कि दिखात नी इनका डोरा म
जेठ जिठानी लोंदा तोड़य मू एख्ली रबू गाँव म।
मरी जिनगी ख़राब कर दी दे ख माय तोन गांव म
पढ़नो लिखनो अकारत गयो आ ख ऐना गाँव म।
आब नान्ही को बिहा करहे ते झांक ख नी देखनु गाँव म
शहर को गरीब ख देनु पर अमीर ख नी देनु गाँव म।
रचित-वल्लभ डोंगरे, भोपाल
2 Comments
Amit Buwade / February 22, 2018
I m intrastate
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February 26, 2018 at 1:54 pm
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