इत पानी नी आवत आय, बाकी सब ठीक ठाक है
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छपरी की दीवार धस गई बाकी सब ठीक ठाक है
खेत म की झोपड़ी बठ गई बाकी सब ठीक ठाक है।
बांडा बईल मर गयो , अउर डूंडा ख बेच दियो
खेती म फजीता हो गयो बाकी सब ठीक ठाक है।
डुंगी म सेंगा बुई है, डोभरी म अवंदा मक्या है
इत पानी नी आवत आय बाकी सब ठीक ठाक है।
बड़ो भाई गाँव म घुमय ,छोटो खेत म नी जात
पोरया पोरी कहना नी सुनत, बाकी सब ठीक है।
बेटा बहू रोटी नी देत ,भूरी काकी कव्हत रहे
मरा जघ अक्खन रुवय ,बाकी सब ठीक ठाक है।
अच्छो कुई पोरया होये ते ,तुरजी साठी देख्जो
सारजी कुई संग भाग गई ,बाकी सब ठीक ठाक है।
बटनी क़ो ससरा आयो थो,दायजा म फ़टफ़टी माँगय
ओकी सासू भी अड़ गई ,बाकी सब ठीक ठाक है।
तोरो भाऊ रात भर खासय,कभी कभी उल्टी सास चलय
मरी कम्मर अक्खन सिलकय ,बाकी सब ठीक ठाक है।
तोरो काकू रोज धुरा सरकावय,बाट सी आवन जान नी देत
एक दिन अक्खन लड़ाई भई ,बाकी सब ठीक ठाक है।
पोरया हन सब स्कुल जाय,मास्टर न कल भगा दिया
उनकी फीस नी भरी आय ,बाकी सब ठीक ठाक है।
पोरा का दिन लाठी चल गई ,नान्हा को माथा फूट गयो
किसना जेल म बंद है ,बाकी सब ठीक ठाक है।
कारी की छोड़ चिट्ठी हो गई ,साल भर नी भया बिहा ख
रांड अक्खन रूवय दिन भर ,बाकी सब ठीक ठाक है।
पोहर सी पाव्हना आया था ,तोरा बिहा साठी
पोरी पढ़ी लिखी है, बाकी सब ठीक ठाक है।
-वल्लभ डोंगरे,सुखवाड़ा,सतपुड़ा संस्कृति संस्थान,भोपाल।