सुधी पाठकों की जागरूकता और साझा पहल का परिणाम है “सुखवाड़ा” का विवाह विशेषांक
संकलन में कुछ त्रुटियां संभव, पर हमारी अपनी कमजोरी और सीमाएं भी –
सम्बन्ध तय करने के लिए सामाजिक प्रयास के साथ व्यक्तिगत प्रयासों की भी जरुरत
श्री महेंद्र डिगरसे और श्री चन्दन पवार द्वारा विकसित और संचालित “पवार मैट्रिमोनियल”वेबसाइट में विवाह योग्य सदस्यों की जानकारी साझा करने हेतु ऑन लाइन सुविधा उपलब्ध है और युवा वर्ग इससे लाभान्वित भी हो रहे हैं। समय -समय पर संगठनों द्वारा परिचय सम्मलेन भी आयोजित किये जा रहे हैं और संग्रह भी प्रकाशित किए जा रहे हैं जिनसे विवाह सम्बन्ध तय करने में निश्चित ही समाज सदस्यों को बड़ी सुविधा हो रही है।
पर इन सबके बावजूद समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग अपने बच्चों का विवाह संस्कार संपन्न कराने हेतु चिंताचुर और प्रयासरत है। समाज की कई बच्चियां विवाह की उम्र पार कर चुकी हैं और कई पार करने के करीब हैं। समाज में कई बच्चे पुनर्विवाह करने की स्थिति में हैं जिन्हें अच्छे घर और वर की तलाश हैं। सबकी अपनी अपनी समस्याएं है और सब अपने अपने स्तर से इनका समाधान करने हेतु प्रयासरत है। इसमें “सुखवाड़ा” का यह लघु प्रयास भी शामिल है। चूँकि सुखवाड़ा का अपना एक पाठक वर्ग है और इसे व्हाट्सएप्प पर साझा किया जाता है ताकि यह अधिक से अधिक सदस्यों तक पहुँच सके ,इसलिए इसका अपना एक अलग महत्त्व है।
विवाह सम्बन्ध तय करने के लिए सामाजिक प्रयास के साथ व्यक्तिगत प्रयासों की भी जरुरत होती है। संकलित जानकारी से आप अपने योग्य सम्बन्ध तलाश कर सम्बंधित सदस्य से सुविधानुरूप संपर्क कर सकते हैं और अपने समय तथा पैसे बचा सकते हैं। जिसे आप चाहे तो समाज विकास में किसी सामाजिक सकारात्मक आयोजन हेतु सहयोग कर अपना सामाजिक सरोकार जता सकते हैं।
“सुखवाड़ा ” का विवाह विशेषांक केवल “सुखवाड़ा” की अपील पर समाज सदस्यों द्वारा साझा की गई जानकारी पर केंद्रित है। इसमें पिछली किसी जानकारी की पुनरावृत्ति नहीं की गई है। जानकारी संकलन में कुछ त्रुटियां संभव हैं। संभव हैं कुछ जानकारियां निर्धारित प्रपत्र या सॉफ्ट कॉपी में न होने से शामिल कर पाने से छूट गई हों। या कुछ हार्ड कॉपी को ही साझा कर दिया गया हो।
इन सब कमियों के पीछे हमारी अपनी कमजोरी और हमारी अपनी सीमाएं हैं जिसे हम स्वीकार करते हैं। पर इन तमाम कमियों और सीमाओं के बावजूद हम अपना प्रयास जारी रख सके इसकी हमें ख़ुशी है। आप सभी सुधी पाठकों की जागरूकता और साझा पहल के परिणाम स्वरूप सुखवाड़ा का यह अंक आप तक पहुँच पा रहा है। आप सबका आभार जिन्होंने जानकारी साझा कर प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग किया , विशेषकर श्री राजेश बारंगे पवार का जिन्होंने अपने स्तर से हर संभव सहयोग करने का प्रयास किया। सादर।
सुखवाड़ा विवाह विशेषांक संलग्न है।
“सुखवाड़ा” ,सतपुड़ा संस्कृति संस्थान ,भोपाल।
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