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भृर्तहरि विक्रम भोज पुरस्कार

संगठन के  पदाधिकारियों को
नहीं होनी चाहिए, हर जगह मान सम्मान की अपेक्षा ।
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विशेष सामाजिक  आयोजनों में
समाज की प्रतिभाओं को मिले महत्व——– उन्ही का हो अनुसरण
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सामाजिक सोच का   नया दायरा   विकसित  करें हर संगठन।
अब जरूरत शिक्षा,व्यवसाय व  उन्नत कृषि ,  में अग्रणी होने की।
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रविवार को छिंदवाड़ा में आयोजित राष्ट्रीय भर्तहरि विक्रम भोज पुरस्कार समारोह ,में प्रतिभाओ को सम्मानित करने के
राष्ट्रीय सामाजिक मंच से कई संदेश समाज को मिले।

मुख्य अतिथि डॉ पी के बिसेन
द्वारा अपने उद्बोधन में
पवारों को शिक्षा, व्यवसाय कृषि व राजनीति में अग्रणी होने की बात कही बशर्ते संगठन इस दिशा में सोचे।

संगठनों के पदाधिकारियों को
सेवा हेतु
बिना मान सम्मान की लालसा,फूल हार, स्वागत, की परंपरा को तोड़ सादगी पूर्ण आयोजन को बढ़ावा  देना चाहिए।

इस आयोजन में भी सिर्फ  बैच लगाकर अतिथियों का स्वागत किया गया।

आयोजको को तो निःस्वार्थ भाव से ही कार्य करना चाहिए न कि
किसी अपेक्षा,के
समाजसेवा हेतु उन्होंने
समय,
सोच,
समर्पण
,संसाधन व
स्वास्थ्य।
के पांच स  को जरूरी बताया।
राष्ट्रीय आयोजन की  गरिमानुरूप
इस आयोजन में भी सिर्फ आमंत्रित अतिथियों को ही मंच दिया गया।
बाकी पूरे जिले से समाजबंधु व अन्य जिलों से पधारे संगठन पदाधिकारी आदर्श श्रोताओं के रूप में नजर आए।
जो इस कर्यक्रम की गरिमा के अनुकूल था।
ऐसे सादगीपूर्ण आयोजन के लिए कुलपति महोदय ने आयोजको को  निरन्तर  ऐसे ही आयोजन करने का संदेश दिया।
आगे
उन्होंने कहा कि समाज अब
मंगल भवनों के बजाय होस्टल बनाये,  युवाओं को upsc psc की तैयारी कराए व अधिकारी बनाये, न कि नेतागिरी सिखाये।

प्रतिभा मंच पर अतिथियों के रूप में सामाजिक प्रतिभाओं को ही होना  चाहिए नेताओं को नहीं ।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि
प्रतिभाओ को देख प्रतिभा बनने की प्रेरणा मिलेगी
व नेताओं को देख नेता बनने की
इसलिए बच्चो को प्रतिभाओ के सानिध्य में रखे।

समाज के अंदर प्रतिभाओं की खान है,जरूरत अब उन्हें

ऐसे प्रासंगिक मंच की है जो प्रतिभा रूपी हीरे मोतियों को खोदकर निकाल सके।

जिला व ब्लाक स्तरीय संगठनों की सीमा से परे यह कार्य राष्ट्रीय भर्तहरि विक्रम भोज पुरस्कार समिति द्वारा किये जाने व समय समय पर कार्यक्रम आयोजन में समिति को मिल रहे
मेजबान रूपी जिला व ब्लॉक संगठनों के द्वारा किये जा रहे इस कार्य की उन्होंने तारीफ की।

द्वितीय प्रतिभा पर्व में प्रतिभाओं की खोज, पुरस्कार हेतु चयन व सम्पूर्ण संचालन व पुरस्कार ,मेडल प्रशस्ति पत्र सम्मान राशि  की व्यवस्था राष्ट्रीय समिति द्वारा व
आयोजन व्यवस्था जिला संगठन छिंदवाड़ा द्वारा की गई,इस कार्य हेतु 30 से ज्यादा लोगों  द्वारा स्वैच्छिक
आर्थिक सहयोग प्रदान किया गया।। जिला संगठन द्वारा कार्यकारी सहयोग व प्रचार प्रसार सम्बन्धी कार्यों के साथ ही समाज भवन
राष्ट्रीय समिति को समाज सेवा के उद्देश्य से निःशुल्क उपलब्ध कराया गया

👉 संगठन पदाधिकारियों को अब जरूरत स्वयं के मान सम्मान की परवाह किये बगैर सकल समाज के मान सम्मान को बढ़ाने वाली प्रतिभाओं  को उचित मार्गदर्शन देकर पोषित करने की है,न कि स्वयं फूल हार की अपेक्षा कर मंचो पर आसीन होने की आशा रखने की।

जागो 52 लाख पवार

जय राजा भोज

द्वितीय राष्ट्रीय भृर्तहरि विक्रम भोज पुरस्कार

पांढुर्णा के बाद छिंदवाड़ा के सहयोग और समर्थन से आयोजित हुआ द्वितीय प्रतिभा सम्मान समारोह

हमें प्रशंसा या आलोचना से परे होकर निरंतर कार्य करना होगा अन्यथा हमारा रिमोट हमेशा दूसरों के हाथ में होगा और हम कार्य करने की जगह केवल प्रशंसा और आलोचना के भंवर में ही भटकते रहेंगे।

तृतीय आयोजन 2021 में फरवरी के द्वितीय रविवार को बैतूल में
छिंदवाड़ा। 7 जुलाई वर्ष 2019 को पांढुर्णा से प्रारंभ हुआ पुरस्कार समिति का सफर 2 फरवरी 2020 को छिंदवाड़ा तक जा पहुंचा। पांढुर्णा और छिंदवाड़ा के सभी भाई बहनों के प्रति कृतज्ञता और आगंतुकों के प्रति श्रद्धाभाव जिनके सहयोग और समर्थन से अब तक का सफर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

हमारा उद्देश्य पवित्र है, हमारा कार्य पवित्र है ,भले ही हम कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर की ऊंचाई दे पाने में अभी पूर्णतः सफल नहीं हो पाए हैं, फिर भी हम कुछ बेहतर करने और समाज को बेहतर देने की ओर अग्रसर है,
यह हमारे लिए खुशी की बात है। 2 वर्ष के बच्चे में हर स्तर की परिपक्वता देखना थोड़ा जल्दी बाजी ही होगा। पुरस्कार समिति यह स्वीकार करती है कि अभी और  कुटने ,अभी और पीटने, अभी और  तपने अभी और निखरने की जरूरत है।

छिंदवाड़ा जिले के दो आयोजन पुरस्कार समिति को परिपक्वता प्रदान करने के लिए प्रदत्त तन मन धन रुपी सहयोग ही कहलायेगा जो पुरस्कार समिति के भविष्य को तय करने के लिए पर्याप्त है।
पुरस्कार समिति के उद्देश्य और कार्य के प्रति छिंदवाड़ा जिले के भाई बहनों द्वारा जो विश्वास जताया गया वह उनके सामाजिक सरोकार और समाज प्रेम का जीता जागता उदाहरण है। बैतूल जिले के भाई बहनों द्वारा तीसरे कार्यक्रम के आयोजन का उत्तरदायित्व अपने ऊपर लेकर पुरस्कार समिति के प्रति जो विश्वास जताया गया है उस पर पुरस्कार समिति खरा उतरने का पूरा प्रयास करेगी।
आयोजन में सहयोग देने वाले सभी भाई बहनों और आयोजन में पधारे सभी भाई बहनों के प्रति पुरस्कार समिति कृतज्ञता व्यक्त करती है। आशा है आप सभी आगंतुक अपने-अपने घर सकुशल पहुंच गए होंगे।

पुरस्कार समिति के सभी सम्मानीय सदस्यों को प्रशंसा या आलोचना से परे होकर निरंतर कार्य करना होगा अन्यथा हमारा रिमोट हमेशा दूसरों के हाथ में होगा और हम कार्य करने की जगह केवल प्रशंसा और आलोचना के भंवर में ही भटकते रहेंगे। हमें तीसरे आयोजन को और अधिक समृद्ध और सफल बनाने के लिए अभी से ही जुट जाना होगा।
बैतूल के भाई बहनों द्वारा पुरस्कार समिति के आयोजन को अपना कार्यक्रम मानकर पुरस्कार समिति को जो मान दिया गया है वह  पांढुरना और छिंदवाड़ा के भाई बहनों की तरह ही पुरस्कार समिति को गौरवान्वित करने वाला है।
पवार समाज संगठन पांढुर्णा, जिला पवार समाज संगठन छिंदवाड़ा, नगर इकाई छिंदवाड़ा, महिला संगठन छिंदवाड़ा और समस्त विकासखंड के संगठन के प्रति पुरस्कार समिति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए आप सभी के स्वस्थ सुखी संपन्न जीवन की कामना करती हैं।
राष्ट्रीय भर्तृहरि-विक्रम-भोज पुरस्कार समिति भारत।

राष्ट्रीय भृर्तहरि विक्रम भोज पुरस्कार

सबके जुड़ने की आशा से हर वर्ग का रखा गया है ध्यान -शबरी के बेर से सुदामा के चावल तक है स्वीकार्य –
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समाज का हर सदस्य कर सकता है अपना सामाजिक सरोकार सिद्ध – रु 50 ,100 ,150 ,200 ,250 ,500 ,1000 ,2500,5000 ,11,000 की कोई भी सदस्यता गृहण कर आप जुड़ सकते हैं “राष्ट्रीय भृर्तहरि विक्रम भोज पुरस्कार” समिति से
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“राष्ट्रीय भृर्तहरि विक्रम भोज पुरस्कार “समिति भारत की सदस्यता राशि की जानकारी दी जा रही है ताकि इच्छुक सदस्य सदस्यता ग्रहण कर इस पुनीत कार्य के सहभागी और साक्षी बन सके।
1.सहायक सदस्य रु 50 (व्यक्ति)
2.संजीवन सदस्य -रु 100 (व्यक्ति)
3.संचेतक सदस्य -रु 150 (व्यक्ति)
4.समर्थक सदस्य -रु 200 (व्यक्ति)
5.सरोकारी सदस्य -रु 250 (व्यक्ति)
6 .समन्वयक सदस्य -रु 500 (व्यक्ति)
7. संयोजक सदस्य -रु 1000 (व्यक्ति, संगठन,संस्था या समिति)
8 .संवर्द्धक सदस्य -रु 2500 (व्यक्ति, संगठन ,संस्था या समिति)
9 .संरक्षक सदस्य -रु 5,000 (व्यक्ति, संगठन,संस्था या समिति)
10.संस्थापक सदस्य – रु 11,000 (व्यक्ति, संगठन,संस्था या समिति)

आप सहयोग राशि संयुक्त खाते में सीधी हस्तांतरित कर सकते हैं –
विस्तृत जानकारी निम्नानुसार है –

खाता धारी सदस्यों के नाम -1. श्री श्यामकांत पवार,2. श्री दिनेश पवार ,3. श्री महेंद्र डिगरसे

बैंक का नाम -पंजाब नेशनल बैंक
शाखा का नाम -इंद्रपुरी ,भोपाल
खाता क्रमांक -6552000100022676
IFSC CODE -PUNB0655200
ब्रांच कोड -655200

फोन पे – श्री महेंद्र डिगरसे -8880842536

कृपया सहयोग राशि हस्तांतरित करने की सूचना सुखवाड़ा के व्हाट्सएप्प न 9425392656 और खाताधारी सदस्यों के मोबाइल न श्री श्यामकांत पवार – 9425393418 , श्री दिनेश पवार -9425601967 अथवा श्री महेंद्र डिगरसे -8880842536 पर अनिवार्यतः देने का अनुरोध है।

“राष्ट्रीय भृर्तहरि- विक्रम -भोज पुरस्कार” समिति, भारत

द्वितीय राष्ट्रीय भर्तृहरि- विक्रम- भोज पुरस्कार

द्वितीय राष्ट्रीय भर्तृहरि- विक्रम- भोज पुरस्कार हेतु  छिंदवाड़ा तैयार
महिला ब्रिगेड संभालेंगी हर क्षेत्र में अपनी कमान
हाई स्कूल हाई सेकेंडरी स्कूल के अधिकतम बच्चों को कार्यक्रम में लाने हेतु समाज दृढ़ संकल्पित
छिंदवाड़ा। आगामी 2 फरवरी 2020 को आयोजित होने वाले द्वितीय राष्ट्रीय भर्तृहरि- विक्रम-भोज पुरस्कार को सफल बनाने हेतु बड़ी ही गर्मजोशी, उत्साह एवं उमंग के बीच बड़ी संख्या में उपस्थित समाज सदस्यों द्वारा निम्नलिखित निर्णय लिये गये-
1. प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी पुरस्कार समिति द्वारा पुरस्कार से संबंधित समस्त व्यय वहन किये जाएंगे,
2. जिला पवार समाज संगठन छिंदवाड़ा और नगर इकाई छिंदवाड़ा द्वारा संयुक्त रूप से आयोजन संबंधी अन्य व्यय वहन किए जायेंगे,
3. राष्ट्रीय -अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय प्रतिभाओं की बड़ी संख्या को दृष्टिगत रखते हुए कार्यक्रम अनिवार्यतः सुबह 10:00 बजे प्रारंभ करना सुनिश्चित किया जायेगा,
4.समाज की राष्ट्रीय -अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिभाओं से प्रेरित- प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हाई स्कूल हाई सेकेंडरी के अधिकतम बच्चों की कार्यक्रम में उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी,
5. समाज के व्यवसायी भाई-बहन अपने प्रतिष्ठान के विज्ञापन हेतु निर्धारित शुल्क रु 500/- देकर 2.5 × 5 आकार के फ्लेक्स बैनर लगा सकेंगे,
6. आयोजन के 1 दिन पूर्व अर्थात् 1फरवरी को बाहर से पधारने वाले अतिथियों और आगंतुकों के लिए चाय-नाश्ता , भोजन व आवास की व्यवस्था रहेगी,
7. आयोजन दिनांक 2 फरवरी 2020 को पधारे समस्त अतिथियों और आगंतुकों के लिए कार्यक्रम समाप्ति पर भोजन की व्यवस्था रहेगी
8. जिले की किसी भी क्षेत्र की कोई भी प्रतिभा सम्मानित होने वंचित न रहे इसे ध्यान में रखते हुए जिला संगठन छिंदवाड़ा द्वारा सीधे 31 दिसंबर 2019 तक आवेदन आमंत्रित किए जायेंगे।

उल्लेखनीय है यह बैठक राष्ट्रीय भर्तृहरि-विक्रम-भोज पुरस्कार समिति भारत, जिला पवार समाज संगठन छिंदवाड़ा, और नगर इकाई छिंदवाड़ा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई थी।
राष्ट्रीय भर्तृहरि-विक्रम-भोज पुरस्कार समिति भारत

क्षत्रिय पवार समाज के सभी विवाह योग्य युवक युवतियों के लिए- ONLINE REGISTRATION :Register Here

राष्ट्रीय भर्तृहरि-विक्रम-भोज पुरस्कार

“राष्ट्रीय भर्तृहरि-विक्रम-भोज पुरस्कार ” हेतु आवेदन प्रपत्र का प्रारुप
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वर्ष -2020
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प्रति ,

“राष्ट्रीय भर्तृहरि-विक्रम-भोज पुरस्कार”

आयोजन समिति, सुखवाड़ा , प्लॉट न 24 ,

एफ सेक्टर ,पटेल नगर ,रायसेन रोड ,भोपाल -462022



“राष्ट्रीय भर्तृहरि-विक्रम-भोज पुरस्कार” हेतु 30 नव 2019 तक आवेदन आमंत्रित
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निर्धारित 10 क्षेत्रों में से किसी एक के लिए आवेदन किया जा सकेगा। आप अपने परिजनों ,परिचितों का आवेदन भी कर सकते हैं
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ग्राम पंचायत , समाज संगठन भी अपने क्षेत्र की प्रतिभाओं के लिए आवेदन करने हेतु अधिकृत –
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विभिन्न क्षेत्रों में अपने समाज, अपने जिले ,अपने संभाग ,अपने प्रदेश और अपने देश का नाम रौशन करने वाली समाज की ऐसी कोई प्रतिभा जिसे आप जानते-पहचानते हैं और जिन्हें समाज के नोबेल पुरस्कार हेतु निर्धारित 10 क्षेत्रों में से किसी भी एक क्षेत्र हेतु उपयुक्त समझते हैं तो कृपया निर्धारित प्रपत्र में आवेदन भरकर इस तरह प्रेषित करने का अनुरोध है कि हमें 30 नव 2019 को सायं 5 बजे तक अनिवार्यतः प्राप्त हो जाएँ। प्रतिभागी स्वयं भी आवेदन कर सकते हैैं।

निर्धारित प्रपत्र में भरा हुआ आवेदन ,ई मेल ,व्हाट्सएप्प या डाक से भी प्रेषित किया जा सकता है।

ई मेल या व्हाट्सएप्प पर आवेदन करने की स्थिति में सम्बंधित के दस्तावेजों ,प्रमाण पत्रों ,पुरस्कारों ,प्रशस्ति पत्रों आदि को स्केन कर आवेदन के साथ प्रेषित करना अनिवार्य होगा। आधे -अधूरे आवेदन पर विचार संभव नहीं हो सकेगा। डाक से आवेदन भेजने की स्थिति में समस्त दस्तावेजों प्रमाण पत्रों ,पुरस्कारों ,प्रशस्ति पत्रों आदि की फोटो कापी आवेदन के साथ संलग्न करना अनिवार्य है।

आवेदन हेतु डाक का पता –
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“”राष्ट्रीय भर्तृहरि-विक्रम-भोज पुरस्कार” ,प्लाट न- 24 ,एफ़ सेक्टर ,पटेल नगर ,रुद्रांश अस्पताल के पीछे ,रायसेन रोड ,भोपाल -462022

ई मेल [email protected]

व्हाट्सएप्प न -9425392656

संलग्न –

1 आवेदन प्रपत्र

2 समाज के नोबेल पुरस्कार हेतु निर्धारित 10 क्षेत्रों की जानकारी

“राष्ट्रीय भर्तृहरि-विक्रम-भोज पुरस्कार समिति भोपाल” समिति, भारत

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पुरस्कार के क्षेत्र
आपकी सुविधा के लिए जिन क्षेत्रों में पुरस्कार दिए जाने हैं उनका उल्लेख नीचे किया जा रहा है।

1. तीनों सेना, सीमा सुरक्षा बल ,अर्ध सैनिक बल ,पुलिस ,विभिन्न विभागों के सुरक्षा बल ,होम गॉर्ड आदि में सेवारत सदस्यों तथा लोकहित में जन सामान्य द्वारा किये गए अद्वितीय पराक्रम हेतु सम्मान,
2. कृषि उद्योग ,वृक्षारोपण , बीज संरक्षण ,लघु उद्योग ,बड़े उद्योग ,कृषि आधारित उद्योग ,कुटीर उद्योग आदि में सफलतापूर्वक किये गए रिकार्ड उत्पादन या लोकहित में किये गए नवाचार हेतु सम्मान ,
3. लोककला ,लोक संगीत ,लोक गायन ,लोक वादन ,लोक नृत्य ,लोक गीत ,लोक साहित्य ,लोक संस्कृति ,लोक बोली, लोक भाषा आदि के संरक्षण संवर्धन हेतु किये गए प्रशंसनीय प्रयासों के लिए सम्मान,
4. शिक्षा ,साहित्य ,संस्कृति और शोध पर प्रकाशित उत्कृष्ट साहित्य या शिक्षा ,साहित्य और संस्कृति के उन्नयन हेतु किये गए उल्लेखनीय प्रयासों तथा बालिका शिक्षा उन्नयन हेतु किये गए सार्थक प्रयासों के लिए सम्मान ,
5. चिकित्सा सेवा ,लोकहित में आयोजित किये जाने वाले निःशुल्क चिकित्सा शिविरआयोजन ,बेटी बचाओं अभियान हेतु किये गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मान ,
6. सामाजिक उत्थान के लिए लोकहित में किये गए प्रयास जैसे सामूहिक विवाह, सामाजिक कार्य आदि तथा सामाजिक कुरीतियों जैसे -मृत्युभोज ,दहेज़ ,चुट्टी ,चिकट प्रथा ,अहीर प्रथा ,पगड़ी रस्म ,दैत्य बाबा पूजा,नशा बंदी ,जुआ बंदी ,बलि प्रथा आदि को हतोत्साहित करने हेतु की गई सार्थक पहल या किये गए सार्थक प्रयासों के लिए सम्मान ,
7. UPSC ,MPPSC आदि प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित होने वाले प्रतिभागियों के लिए सम्मान।
8. हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी परीक्षा,स्नातक ,स्नातकोत्तर परीक्षा खेल आदि में किये गए उत्कृष्ट प्रदर्शन व् उत्कृष्ट शैक्षिक उपलब्धियों के लिए सम्मान ,
9. सामाजिक समरसता ,न्याय ,आदर्श गाँव , आदर्श परिपाटी डालने के लिए सम्मान,
10 .शासकीय/अशासकीय सेवक द्वारा अपने विभाग में किये गए उत्कृष्ट कार्य प्रदर्शन हेतु सम्मान।

00000000000000000000

आवेदन प्रपत्र का प्रारुप

प्रति ,
“राष्ट्रीय भर्तृहरि-विक्रम-भोज पुरस्कार” प्लॉट न 24 ,एफ सेक्टर , पटेल नगर ,रायसेन रोड ,भोपाल -462022
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1. पुरस्कार क्षेत्र का क्रमांक और नाम जिसके लिए आवेदन किया जा रहा –
2. आवेदक की जानकारी –
(अ) स्वयं का नाम –
(ब) माता का नाम-
(स) पिता का नाम-
(द) जन्म तिथि –
(इ) जन्म स्थान का नाम —

3. पत्र व्यवहार का पूरा पता ( आधार कार्ड की प्रति संलग्न करें )

4. मोबाइल न

ई मेल

5. आवेदित पुरस्कार क्षेत्र में कार्य का अनुभव (वर्षों में)

6. रचनात्मक योगदान का उल्लेख व उसके समर्थन में साक्ष्य और फोटो

7. पूर्व में प्राप्त सम्मान और पुरस्कार का विवरण साक्ष्य और फोटो सहित …

8. आपके कार्य से लाभान्वित लोगों की संख्या व लाभार्थियों के नाम ———–

9. समाज व देश को आपके कार्य से लाभ —————————-

10.समाज हित में अब तक किये गए आपके कार्यों की विस्तृत जानकारी – ———————

11. प्राप्त पुरस्कार राशि का आप क्या करना चाहते हैं-

12. पासपोर्ट आकार की फोटो

” राष्ट्रीय भर्तृहरि-विक्रम-भोज पुरस्कार”समिति,भारत।


क्षत्रिय पवार समाज के सभी विवाह योग्य युवक युवतियों के लिए- ONLINE REGISTRATION :Register Here

education pawar samaj

रु 15,000 पुरस्कार हेतु आवेदन आमंत्रित- अंतिम तिथि 30 मई 2019 ,आवेदन प्रारूप संलग्न
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स्व श्री मोहनलाल जी पवार (खरफुसे) की स्मृति में दी जाएगी 15,000 रु की पुरस्कार राशि
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प्रतियोगी परीक्षा के लिए पुस्तकें खरीदने 3 प्रतिभाशाली बच्चों को दी जाएगी 5000 -5000 की पुरस्कार राशि
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3 पुरस्कृत बच्चों को पुरस्कार राशि 7 जुलाई 2019 को पवार मंगल भवन, पांढुर्णा में आयोजित गरिमामय कार्यक्रम में दी जाएगी
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भोपाल। “राष्ट्रीय भर्तृहरि विक्रम भोज पुरस्कार” के अंतर्गत आदरणीय  स्व श्री मोहनलाल जी पवार (खरफुसे) गोनी बिछुआ की स्मृति में प्रारम्भ की गई 15,000 रु की पुरस्कार राशि  हेतु समाज के प्रतिभावान बच्चों से आवेदन आमंत्रित हैं जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। यह पुरस्कार राशि समाज के तीन प्रतिभाशाली बच्चों को दी जाएगी  जिस राशि से वे प्रतियोगी परीक्षा के लिए किताबें खरीद सकेंगे।

ज्ञात हो कि  स्व श्री मोहनलाल पवारजी भोपाल स्थित अपने घर में  समाज के बच्चों की पढाई के लिए आश्रय दिया करते थे जहाँ रहकर वे पढाई के साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी किया करते थे। उनके घर और सानिध्य में रहकर समाज के कई बच्चे प्रतियोगी परीक्षा में उत्तीर्ण होकर विभिन्न विभागों में सम्मानजनक पदों पर सेवारत हैं।

उल्लेखनीय है कि स्व श्री मोहनलाल पवार मृत्युभोज जैसी कुरीति के पक्ष में नहीं थे। उनकी मृत्यु के पश्चात् उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए मृत्युभोज नहीं दिया गया और उनके पुत्र – पुत्र वधु और पुत्री – दामाद द्वारा समाज के 3 प्रतिभाशाली गरीब बच्चों को प्रतिवर्ष पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया।

आवेदन आमंत्रित – अंतिम तिथि -30 मई 2019
-जाएग—————
आवेदन का प्रारुप
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1. नाम —–
2. पिता का नाम ——
3. शिक्षा ————
4. हजैस्कूल, हायर सेकेंडरी ,स्नातक, स्नातकोत्तर परीक्षा में प्रतिशत पूर्णांक व् प्राप्तांक सहित (साक्ष्य हेतु सर्टिफिकेट की प्रतिलिपि संलग्न की जाए )
5. स्थायस्नातकोत्त. पत्र व्यवहार का पता हाय आधार कार्ड /पहचान पत्र का न —————————-(प्रति लिपी संलग्न की जाये )
8. प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी हेतु भरे हुए फॉर्म का क्रमांक और परीक्षा का नाम ( साक्ष्य हेतु पहचान पत्र , प्रवेश पत्र स्नातकोत्तलग्न की जाए )
9. माता -पिता की वार्षिक आय –
10. पासपोर्ट साइज़ का फोटो —
11 .प्रतिज्ञा पत्र (एफिडेविट )- प्राप्त पुरस्कार राशि से प्रतियोगी परीक्षा हेतु पुस्तकें खरीदने ,बेरोजगार होने का उल्लेख व् हस्ताक्षर। (खरीदी गई किताबों का बिल उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा)

भरा हुआ आवेदन पत्र 30 मई 2019 तक ई  मेल [email protected]     व्हाट्सएप्प न  9425392656 या डाक का पता – “राष्ट्रीय भर्तृहरि-विक्रम-भोज पुरस्कार” प्लाट न 24 ,एफ सेक्टर ,पटेल नगर ,रुद्रांश अस्पताल के पीछे ,रायसेन रोड ,भोपाल -पिन 462022  मध्यप्रदेश    पर अनिवार्यतः प्राप्त हो जाना चाहिए।

“राष्ट्रीय भर्तृहरि-विक्रम-भोज पुरस्कार” समिति, भोपाल।

sukhwada january 2019-compressed

स्वजनों ,
“समाज के नोबेल पुरस्कार” अब “राष्ट्रीय भर्तृहरि-विक्रम-भोज पुरस्कार” पर केंद्रित “सुखवाड़ा” ई – मासिक का अप्रैल 2019 अंक की फाइल संलग्न है।
सादर।
आपका “सुखवाड़ा ”

सुखवाड़ा April.2019

 

क्षत्रिय पवार समाज के सभी विवाह योग्य युवक युवतियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी :Register Here

“समाज के नोबेल पुरस्कार” अब “राष्ट्रीय भर्तृहरि- विक्रम- भोज पुरस्कार” -क्या, कब ,कैसे, क्यों ,किसे, कौन ?
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1 -“सुखवाड़ा” निःशुल्क ई मासिक भोपाल की विनम्र पहल और शासकीय सेवक समूह व्हाट्सएप्प भारत का सहर्ष समर्थन ।
2 -विभिन्न स्तरों पर समाज की प्रतिभाओं को चिह्नित कर उन्हें समाज से परिचित कराने और मुख्य धारा में जोड़ने हेतु विनम्र प्रयास।
3 – समाज की प्रतिभाओं को अपेक्षित सम्मान दिलाने और समाज के अन्य सदस्यों को प्रेरित प्रोत्साहित करने हेतु अभिनव अभियान ।
4 -समाज के सहयोग से एक सम्मानजनक फण्ड संगृहीत कर प्रति वर्ष विभिन्न क्षेत्र की प्रतिभाओं का सम्मान करना।
5 -क्षेत्र ,बोली- भाषा और भौगोलिक सीमा से परे समाज की प्रतिभाओं द्वारा समाज और देश के उन्नयन-उत्थान हेतु किए गए सार्थक प्रयासों के लिए पुरस्कृत करना।
6 – चिह्नित 10 क्षेत्रों में किये गए बेहतर प्रदर्शन के लिए बिना भेदभाव के योग्य व पात्र आवेदक को ही पुरस्कृत करना ।
7 -“पवार मैट्रिमोनियल” वेबसाइट (श्री महेंद्र डिगरसे,श्री चन्दन पवार) द्वारा इसके पुरस्कार आदि के लिए ऑन लाइन आवेदन की पूरी व्यवस्था संभालना ।
8 -समाज के विभिन्न फेसबुक समूह के एडमिन (राजेश बारंगे ,जीवन बुवाड़े ,नीरज चोपड़े ,नीरज पवार,दीपक भगत ,प्रवीण भादे,आदि ) द्वारा इस पुरस्कार से सम्बंधित समस्त सूचना, जानकारी ,कार्यक्रम आयोजन और पुरस्कार वितरण से लेकर समाज सदस्यों के सहयोग तक को साझा करने में सहायता करना।
9 – चिह्नित 10 क्षेत्रों के अलावा भी कोई समाज सदस्य अपने अनुदान से समाज सेवा के क्षेत्र में पुरस्कार देना चाहें तो उसे ससम्मान स्वीकारना और स्वीकृति देना।
10- “समाज के नोबेल पुरस्कार” समाज का, समाज द्वारा और समाज के लिए पुरस्कार के माध्यम से समाज को एकजुट करना व परस्पर संबंधों को प्रगाढ़ करना ।
11 -प्रारम्भ में प्रत्येक क्षेत्र के लिए पुरस्कार की राशि रु 5000 निर्धारित करना ।
12-पुरस्कार की निर्धारित राशि अपने किसी परिजन या पूर्वजों के सम्मान / स्मृति में समाज सदस्य /प्रायोजक द्वारा दी जाना ।
13 – पुरस्कार राशि निर्धारित क्षेत्र या उसके सब- क्षेत्र के लिए देय मान्य करना ।
14 -पुरस्कार हेतु ऑन लाइन आवेदन आमंत्रित किया जाना। इसे “पवार मैट्रिमोनियल” वेबसाइट पर जाकर पात्र आवेदक द्वारा सीधे आवेदन करना । विभिन्न समूह और व्हाट्सएप्प पर भी इसे साझा करना।
15 -प्राप्त आवेदन पर पांच सदस्यीय पुरस्कार चयन समिति (पंच परमेश्वर ) द्वारा निर्णय लेना और समिति के निर्णय को अंतिम मानना । इसे किसी भी परिस्थिति में या कहीं भी चुनौती नहीं दी जा सकेगी।
16 -पुरस्कार प्रदान करने हेतु भव्य व् गरिमामय आयोजन आयोजित करना जिसमें सभी पुरस्कृत समाज सदस्य और क्षेत्र विशेष के लिए अपने परिजन या पूर्वजों के सम्मान में पुरस्कार राशि देने वाले परिवार की उपस्थिति सुनिश्चित करना ।
17 -पुरस्कार किसी कुलपति या राष्ट्रिय स्तर के शिक्षा, साहित्य, संस्कृति क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले किसी विद्वान् के हाथों तथा पुरस्कार राशि उपलब्ध कराने वाले सदस्य के द्वारा दिया जाना ।
18 -वर्ष में एक बार आयोजित इस आयोजन का भोजन, आवास,पुरस्कार राशि ,व्यवस्था से सम्बंधित समस्त व्यय समाज द्वारा वहन किया जाना ।
19 -आयोजन हेतु राशि संग्रहण के लिए एक जन अभियान चलाया जाना। । जरुरत पड़ने पर विज्ञापन ,प्रायोजक से सहयोग लिया जाना ।
20 -पुरस्कार चयन की प्रक्रिया में भाई भतीजावाद ,भेदभाव ,चापलूसी ,बाहरी दबाव,अनावश्यक हस्तक्षेप और स्वार्थ से इसे अछूता रखने के हरसंभव प्रयास करना।
21 -“सुखवाड़ा” सतपुड़ा संस्कृति संस्थान, भोपाल को उसके किसी भी योगदान के लिए पुरस्कृत नहीं किया जाना ।
22 – पुरस्कृत सदस्यों के अपने- अपने क्षेत्र विशेष में किये गए उल्लेखनीय योगदान पर केंद्रित “सुखवाड़ा” का अंक प्रकाशित करना जिससे अन्य समाज सदस्यों को प्रोत्साहन व प्रेरणा मिल सके।
23 -पुरस्कार हेतु प्राप्त आवेदन को क्षेत्र विशेष हेतु चयनित 5 विशेषज्ञों को आवेदक के बिना नाम के ई मेल पर उपलब्ध कराना । .विशेषज्ञ उन प्राप्त आवेदन पर विचार कर व आवेदक द्वारा समाज तथा देश के उन्नयन या उत्थान हेतु दिए गए विशेष योगदान को ध्यान में रखते हुए उन्हें रैंकिंग प्रदान कर अपनी टिप्पणी के साथ समाज के नोबेल पुरस्कार आयोजक समिति को वापस करेंगे। समिति सभी विशेषज्ञों द्वारा प्रदत्त रैंकिंग और टिप्पणी के आधार पर आवेदकों में सबसे अधिक स्कोर वाले आवेदक को पुरस्कार हेतु चयनित घोषित करेगी। इस पूरी प्रक्रिया में गोपनीयता विश्वसनीयता तथा पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा जायेगा।
24 -“समाज के नोबेल पुरस्कार” के पुरस्कार ,आयोजन ,निमंत्रण,प्रकाशन,भोजन व आवास व्यवस्था हेतु पृथक-पृथक प्रायोजक तलाश करना ताकि सम्मानजनक राशि संग्रहित हो सके व् आयोजन गरिमापूर्ण हो सके। इसके लिए समाज संगठनों से सहयोग की अपील करना व् इसके प्रचार प्रसार हेतु बैठकों और आयोजनों में इसका विशेष और अनिवार्य रूप से उल्लेख किया जाना । जो संगठन स्वेच्छा से रचनात्मक सहयोग हेतु आगे आएं उनका स्वागत किया जाना।
25 -क्षेत्र विशेष हेतु निर्धारित पुरस्कार के लिए स्वयं आवेदक के अलावा आवेदक के लिए उनके शुभचिंतक ,परिचित ,परिजन द्वारा भी सम्बंधित की सहमति से आवेदन कर सकना ।
26 -पुरस्कार हेतु आवेदन निर्धारित दिनाँक 15 मई 2019 तक आवेदन करना अनिवार्य करना । निर्धारित दिनाँक के बाद प्राप्त आवेदन पर विचार नहीं किया जाना । पुरस्कार हेतु उम्र का कोई बंधन न होना।
27 -हमारे पूर्वज राजाभर्तृहरि राजा विक्रमादित्य,राजा भोज आदि की नव रत्न परंपरा और प्रतिभाओं के सम्मान की परंपरा को जीवित रखना और आगे बढ़ाना और समाज स्तर पर एक सामाजिक अभियान को स्वीकृति दिलाने का विनम्र प्रयास करना ।
28 -समाज के नोबेल पुरस्कार के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए विभिन्न समितियों का गठन करना जिसमें बिना किसी भेदभाव के सभी क्षेत्र को समान प्रतिनिधित्व प्रदान करना।
29 -समय- समय पर समाज उत्थान हेतु किसी एक विषय पर आम सहमति बनाने का प्रयास करना और उसे समाज में लागू करने हेतु पहल करना। समाज के गणमान्य सदस्यों से समय- समय पर विचार विमर्श करना तथा उनके अनुभवों और सुझाओं पर अमल करना।
30 – समाज उत्थान से सम्बंधित विषयों पर परिचर्चा का आयोजन करना और उसपर राइटअप तैयार कर उसे समाज में साझा करना।

31.”राष्ट्रिय भृर्तहरि विक्रम भोज पुरस्कार” 7 जुलाई 2019 समाज के मंगल भवन. पांढुर्णा में आयोजित. करनाl

‘सुखवाड़ा ‘ निःशुल्क ई मासिक ,सतपुड़ा संस्कृति संस्थान, भोपाल की विनम्र पहल और पवार शासकीय सेवक समूह व्हाट्सएप्प भारत का सहर्ष समर्थन।

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sukhwada january 2019-compressed

आत्मीय स्वजनों ,नमस्कार
“सुखवाड़ा” जनवरी -2019 अंक साझा करते हुए नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। आशा है ,आप स्वस्थ सानंद हैं। सादर।
आपका “सुखवाड़ा” ई -दैनिक और मासिक।

 

sukhwada jan -सुखवाड़ा जन.2019

क्षत्रिय पवार समाज के सभी विवाह योग्य युवक युवतियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी :Register Here

भोपाल। अपने विकासशील समाज में ई पत्रिका प्रकाशित कर उसके देश- विदेश में एक सम्मानजनक पाठक वर्ग तैयार कर लेना “सुखवाड़ा” के लिए बेहद सुखद और संतोषप्रद अनुभव रहा है। सुखवाड़ा के रिश्तों पर केंद्रित अंक और विशेषांक जैसे माँ ,पिता ,भाई ,बहन ,पत्नी ,बेटा ,बेटी , विवाह,कृषि ,पवारी मुहावरें ,पवारी लोकोक्ति ,पवारी पहेलियाँ ,विवाह गीत ,बोली भाषा , पवारी परंपरा और संस्कृति आदि इतने लोकप्रिय और संग्रहणीय बन पड़े हैं कि समाज सदस्यों से ज्यादा उन्हें अन्य समाज सदस्यों और विकसित समाजों द्वारा सराहा गया और उसकी विषय वस्तु और सामग्री को जस का तस प्रकाशित कर सुखवाड़ा का मान बढ़ाया गया । इसके अंकों से शोधार्थियों को शोध सामग्री संजोने में सुविधा हुई और जो अपने घर परिवार से दूर रह रहे थे उन्हें समाज और संस्कृति की सीधी जानकारी मिलती रही। इसके विवाह विशेषांकों से कई जोड़े विवाह सूत्र में बंधे और कई जोड़ों को वैवाहिक जीवन जीने का सम्बल मिला। जो जोड़े तलाक की कगार पर खड़े थे वे इसकी पोस्ट से प्रभावित होकर पुनः वैवाहिक जीवन जीने हेतु तैयार होते देखे गए।

20 सालों के इस सफर में “सुखवाड़ा” सदैव सुख बाँटता रहा, निःशुल्क पाठकों तक पहुँचता रहा ,पर अब निःशुल्क प्रकाशन कर पाना और प्रकाशन का व्यय भार उठा पाना संभव प्रतीत नहीं हो पा रहा है अतः इसे जनवरी 2019 से सशुल्क किया जा रहा है। इसका वार्षिक शुल्क मात्र 100 रूपये किया जा रहा है। आशा है ,सुखवाड़ा को अपने पाठकों का प्रेम पूर्ववत प्राप्त होता रहेगा और इसकी सदस्यता ग्रहण कर इसे आगे बढ़ाने और जारी रखने में वृहत पाठक वर्ग रूचि लेकर इसे निर्बाध रूप से जारी रखने में अपने स्तर से हर संभव प्रयास करेगा।

अब जनवरी 2019 से इसे सुखवाड़ा की सदस्यता ग्रहण करने वाले सदस्यों के साथ ही साझा किया जायेगा। वृहत पाठक वर्ग को इससे होने वाली असुविधा के लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं। कृपया सहयोग और स्नेह बनाये रखने का अनुरोध है। सादर।

आपका “सुखवाड़ा”

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sukhwada december 2018

दिसम्बर 2018 को हो जायेंगे “सुखवाड़ा” के २० साल पूरे
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महत्वपूर्ण दायित्वों के चलते अब निःशुल्क प्रकाशन संभव नहीं –
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20 साल का निःशुल्क “सुखवाड़ा” अब सशुल्क होगा –
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सुखवाड़ा Decemebr -2018

भोपाल। अपने विकासशील समाज में ई पत्रिका प्रकाशित कर उसके देश- विदेश में एक सम्मानजनक पाठक वर्ग तैयार कर लेना “सुखवाड़ा” के लिए बेहद सुखद और संतोषप्रद अनुभव रहा है। सुखवाड़ा के रिश्तों पर केंद्रित अंक और विशेषांक जैसे माँ ,पिता ,भाई ,बहन ,पत्नी ,बेटा ,बेटी , विवाह,कृषि ,पवारी मुहावरें ,पवारी लोकोक्ति ,पवारी पहेलियाँ ,विवाह गीत ,बोली भाषा , पवारी परंपरा और संस्कृति आदि इतने लोकप्रिय और संग्रहणीय बन पड़े हैं कि समाज सदस्यों से ज्यादा उन्हें अन्य समाज सदस्यों और विकसित समाजों द्वारा सराहा गया और उसकी विषय वस्तु और सामग्री को जस का तस प्रकाशित कर सुखवाड़ा का मान बढ़ाया गया । इसके अंकों से शोधार्थियों को शोध सामग्री संजोने में सुविधा हुई और जो अपने घर परिवार से दूर रह रहे थे उन्हें समाज और संस्कृति की सीधी जानकारी मिलती रही। इसके विवाह विशेषांकों से कई जोड़े विवाह सूत्र में बंधे और कई जोड़ों को वैवाहिक जीवन जीने का सम्बल मिला। जो जोड़े तलाक की कगार पर खड़े थे वे इसकी पोस्ट से प्रभावित होकर पुनः वैवाहिक जीवन जीने हेतु तैयार होते देखे गए।

20 सालों के इस सफर में “सुखवाड़ा” सदैव सुख बाँटता रहा, निःशुल्क पाठकों तक पहुँचता रहा ,पर अब निःशुल्क प्रकाशन कर पाना और प्रकाशन का व्यय भार उठा पाना संभव प्रतीत नहीं हो पा रहा है अतः इसे जनवरी 2019 से सशुल्क किया जा रहा है। इसका वार्षिक शुल्क मात्र 100 रूपये किया जा रहा है। आशा है ,सुखवाड़ा को अपने पाठकों का प्रेम पूर्ववत प्राप्त होता रहेगा और इसकी सदस्यता ग्रहण कर इसे आगे बढ़ाने और जारी रखने में वृहत पाठक वर्ग रूचि लेकर इसे निर्बाध रूप से जारी रखने में अपने स्तर से हर संभव प्रयास करेगा।

अब जनवरी 2019 से इसे सुखवाड़ा की सदस्यता ग्रहण करने वाले सदस्यों के साथ ही साझा किया जायेगा। वृहत पाठक वर्ग को इससे होने वाली असुविधा के लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं। कृपया सहयोग और स्नेह बनाये रखने का अनुरोध है। सादर।

आपका “सुखवाड़ा”

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novsukhwada

सुधी पाठकों की जागरूकता और साझा  पहल का  परिणाम है  “सुखवाड़ा” का विवाह विशेषांक
संकलन में कुछ त्रुटियां संभव, पर हमारी अपनी कमजोरी और सीमाएं भी –
सम्बन्ध तय करने के लिए सामाजिक प्रयास के साथ व्यक्तिगत प्रयासों की भी जरुरत
श्री महेंद्र डिगरसे और श्री चन्दन पवार द्वारा विकसित और संचालित “पवार मैट्रिमोनियल”वेबसाइट  में विवाह योग्य सदस्यों की जानकारी साझा करने हेतु ऑन  लाइन सुविधा  उपलब्ध है और युवा वर्ग इससे लाभान्वित भी हो रहे हैं। समय -समय पर संगठनों द्वारा परिचय सम्मलेन भी आयोजित किये जा रहे हैं और संग्रह भी प्रकाशित किए जा रहे हैं जिनसे विवाह सम्बन्ध तय करने में निश्चित ही समाज सदस्यों को बड़ी सुविधा हो रही है।

sukhwada november

पर इन सबके बावजूद समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग अपने बच्चों का विवाह संस्कार संपन्न कराने हेतु चिंताचुर और प्रयासरत है। समाज की कई बच्चियां विवाह की उम्र पार कर चुकी हैं और कई पार करने के करीब हैं। समाज में कई बच्चे पुनर्विवाह करने की स्थिति में हैं जिन्हें अच्छे घर और वर की तलाश हैं। सबकी अपनी अपनी समस्याएं है और सब अपने अपने स्तर से इनका  समाधान करने हेतु प्रयासरत है। इसमें “सुखवाड़ा” का यह लघु प्रयास भी शामिल है। चूँकि सुखवाड़ा का अपना एक पाठक वर्ग है और इसे व्हाट्सएप्प पर साझा किया जाता है ताकि यह अधिक से अधिक सदस्यों तक पहुँच सके ,इसलिए इसका अपना एक अलग महत्त्व  है।

विवाह सम्बन्ध तय करने के लिए सामाजिक प्रयास के साथ व्यक्तिगत प्रयासों की भी जरुरत होती है। संकलित जानकारी  से आप अपने योग्य सम्बन्ध तलाश कर सम्बंधित सदस्य से सुविधानुरूप संपर्क कर   सकते हैं और अपने समय तथा पैसे बचा सकते हैं। जिसे आप चाहे तो समाज विकास में किसी सामाजिक सकारात्मक आयोजन हेतु सहयोग कर अपना सामाजिक सरोकार जता सकते हैं।

“सुखवाड़ा ” का विवाह विशेषांक केवल “सुखवाड़ा” की अपील पर समाज सदस्यों द्वारा साझा  की गई जानकारी पर केंद्रित है। इसमें पिछली किसी जानकारी की पुनरावृत्ति नहीं की गई है। जानकारी संकलन में कुछ त्रुटियां संभव हैं। संभव हैं कुछ जानकारियां निर्धारित प्रपत्र या सॉफ्ट कॉपी में न होने से शामिल कर पाने से छूट गई हों। या कुछ हार्ड कॉपी को ही साझा कर दिया गया हो।

इन  सब कमियों के पीछे हमारी अपनी कमजोरी और हमारी अपनी सीमाएं हैं जिसे हम स्वीकार करते हैं। पर इन तमाम कमियों और सीमाओं के बावजूद  हम अपना प्रयास जारी रख सके इसकी हमें ख़ुशी है। आप सभी सुधी पाठकों की जागरूकता और साझा  पहल के परिणाम स्वरूप सुखवाड़ा का यह अंक आप तक पहुँच पा रहा है। आप सबका आभार जिन्होंने जानकारी साझा कर प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग किया , विशेषकर श्री राजेश बारंगे पवार का जिन्होंने अपने स्तर से हर संभव सहयोग  करने का प्रयास किया। सादर।
सुखवाड़ा विवाह विशेषांक संलग्न है।

“सुखवाड़ा” ,सतपुड़ा संस्कृति संस्थान ,भोपाल।

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WE ARE AN ENTREPRENEUR OF "I-DIGIT SOFTWARE" OUR VISION IS TO HELP PAWAR MEMBERS TO FIND THEIR LIFE PARTNER...

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