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betul baithak

समाज एवं जिले के लिए बड़े गौरव की बात है कि बैतूल शहर के स्टेडियम के समीप राजा भोज की प्रतिमा स्थापित की जाना है प्रतिमा अनावरण एवं आगामी चुनाव के विषय में विचार विमर्श करने पवार समाज के संगठन ने बैठक का आयोजन किया है बैठक दिनांक 19-08-2018 दिन रविवार 1: 00 बजे से 3:00 बजे तक बैठक का आयोजन किया गया है

बैठक का स्थान पवार मंगल भवन कालापाठा बैतूल रहेगा। बैठक मे समाज सभी बन्धु को आमंत्रित किया गया हैं समाज के सभी वर्ग के लोगों से निवेदन किया गया है कि वह समय पर आकर अपने विचार रखकर समाज संगठन वह समाज के प्रति अपना समर्पण प्रदान करें।

समाज के जिला अध्यक्ष राजू पवार एवं समस्त पदाधिकारीगण,सदस्यगण सामाजिक बंधुओं से बैठक मे उपस्तिथ रहने की अपील की है।

राजा भोज प्रतिमा का अनावरण हेतु वृहद बैठक का आयोजन किया गया है सभी क्षत्रिय पवार भाई एवं बहनों सादर अभिनंदन हैं।
बैतूल जिले के लिए बड़े गौरव की बात है कि बैतूल शहर के स्टेडियम के समीप राजा भोज की प्रतिमा स्थापित की जाना है प्रतिमा अनावरण एवं आगामी चुनाव के विषय में विचार विमर्श करने हेतु दिनांक 19-08-2018 दिन रविवार 1: 00 बजे से 3:00 बजे तक बैठक का आयोजन किया गया है बैठक का स्थान पवार मंगल भवन कालापाठा बैतूल अतः आप सभी सादर आमंत्रित हैं समाज के सभी वर्ग के लोगों से निवेदन है कि वह समय पर आकर अपने विचार रखकर समाज संगठन वह समाज के प्रति अपना समर्पण प्रदान करें।
निवेदक
जिला अध्यक्ष राजू पवार एवं समस्त पदाधिकारीगण, सदस्यगण।

raju pawar betul vidhansabha

पवार समाज के जिला अध्यक्ष श्री राजू पवार ने किया मुलताई क्षेत्र के ग्रामो का दौरा जिसमे पवार समाज से उमीद्द्वार की बात रखी जिस प्रकार बालाघाट सिवनी में पावर नेता है इसी प्रकार मुलताई बैतूल में भी हमारा उमीद्द्वार हो जिसके लिए अध्यक्ष के प्रयास करते हुए निरंतर समाज हित में विभिन्न्न पवार बहुल गावो व् अन्य क्षेत्रो में समाज बंधुओ से चर्चा करते व् समाज में जागरूकता लाने हेतु निरंतर कार्यशील !!

समाज के सभी सदस्यों को हमारे जिला अध्यक्ष के साथ मिलकर इस दिशा में प्रयास करना चाहिए ताकि आने वाले चुनावो में पवार समाज के प्रत्यासी खड़े हो सके और राजनितिक पार्टियों को पवार समाज को प्राथमिकता के साथ टिकट देना ही पड़ेगा !

पवार समाज के हर आयु वर्ग को इस सम्बन्ध में अपने विचार रखना चाहिए और सभी को एक मत होकर इस दिशा में आगे विचार किया जाना चाहिए !!

maa tapti multai

19 जुलाई ताप्ती जयंती पर विशेष –
वह शहर हमारा मुलताई है-
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कहते है इस शहर में कभी कोई भूखा नही सोता.. इस शहर में हर कोई सोने की तरह तपता है और निखरता है, इस शहर में कभी नारद की तपोभूमि थी आज यह अंचल जन-जन की तपोंभूमि है। यमराज को भी बहन ताप्ती के शहर में आना मना है, इस शहर में लोग ख़ुद से मोक्ष पाने चले आते है, कहते है यहाँ मरने पर स्वर्ग मिलता है।

इस शहर में लोग ३६५ दिन त्योहार मनाते है। यहाँ मेला तो कार्तिक पूर्णिमा से मात्र पंद्रह दिनों के लिए भरता है पर साल भर ख़त्म होने का नाम नहीं लेता। दुःख यहाँ दिखाई नही देता। ताप्ती अंचल के सीधे साधे लोगों के चेहरों पर खिली सरल, सरस और सहज मुस्कान मन को मोह लेती है और दुःख को सोख लेती है। इनसे मिलना प्रयाग में गंगा यमुना के मिलने की तरह असीम आनंददायी होता है। यहाँ समय ही नहीं चलता, यहाँ जीवन भी चलता है। सुख यहाँ किसी मेहमान की तरह टिकता नहीं, लेकिन यह शहर कभी रुकता नहीं। यहाँ मन्दिर हैं, मस्जिद है , गिरिजाघर है,गुरूद्वारे हैं। कहीं पंजाब, तो कहीं गुजरात, कहीं बंगाल तो कहीं महाराष्ट्र,कही राजस्थान तो कहीं मद्रास इस शहर में दिखता है। फैशन के दौर में भी एक धोती या गमछे में ही यह शहर जी लेता है। इतना ही नही, यह शहर श्री सुंदरलाल देशमुख और दादा धर्माधिकारी जैसे विद्वान् भी देता है। यह शहर श्री चंद्रकांत देवताले जैसे साहित्यकार और श्री आचार्य जैसे प्रशासनिक अधिकारी भी देता है। यहाँ का प्रकाश खातरकर अंटार्कटिक हो आता है तो श्री विजय देव और श्री राजुरकर राज राजधानी भोपाल में लोगों के दिलों पर राज करते हैं। सतपुड़ा संस्कृति संस्थान सतपुड़ा की संस्कृति से पुरे देश और दुनिया को परिचित कराता है तो सतपुड़ा आंचलिक साहित्य परिषद् यहाँ की धरोहरों से सम्बंधित जानकारी घर घर पहुंचाने में विश्वास करता है।

यहाँ फटी धोती और सफारी सूट एक ही दुकान पर चाय पीता है। यहाँ लुगड़ा और जीन्स पहनी महिलाएं ताप्ती में स्नान कर साथ साथ मंदिर में पूजा करती हैं। यहाँ पश्चिम और पूरब दोनों एक साथ दर्शन दे जाते हैं।

इस शहर का नाम पूछने पर कोई इसे मुलतापी और कोई मुलताई कहता है लेकिन अपने इस शहर की परिभाषा हर आदमी कुछ यू बताता है..

“माँ ताप्ती की दुहाई है वो शहर हमारा मुलताई है…”

ताप्ती संस्कृति –

ताप्ती वाक है। असत से सत ,तमस से ज्योति ,अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाने वाले मार्ग का निर्देश करती है। ताप्ती काव्य है, इसमें रामायण- सा औदात्य और महाभारत- सा विस्तार है। ताप्ती रसवंती है ,इसमें सहस्त्र -सहस्त्र महाकाव्यों का रस है। ताप्ती कला है। इसके कटान ,ढलान ,उतार- चढाव उसकी कला कृतिया है। ताप्ती गीत है ,लय है ,नाद है। ताप्ती गति ,यति, आरोह -अवरोह है। ताप्ती सृजन धर्मिणी है। वह हर पल ,हर छण ,हर घड़ी ,हर प्रहर ,हर दिन ,हर मास ,हर वर्ष कुछ न कुछ सिरजती रहती है। कभी चट्टानों से कोई अपूर्व आकृति तो कभी कगारों का बाँकपन और कहीं धाराओं की सहस्त्र-सहस्त्र लट। संगीत रचती ताप्ती की कल -कल की ध्वनि और जलप्रपात से गिरते जल की धार की धारदार ध्वनि मन को मोहित करती है। ताप्ती कल्पदा है ,कामरूपा है ,कला विद्या ,काव्य और संगीत की अधिष्ठात्री है।

ताप्ती प्रेयसी है,अथाह रसभरी है। वह आमंत्रित करती है। उसमें उतर जाने को ,खो जाने को और विलीन हो जाने को। ताप्ती धीरा है, प्रशांता है ,मृदु भाषिणी है। वह चिर यौवना है। उसका यौवन और प्रेम मातृत्व में फलिभूत होता है या मुक्ति में। राम ने सरयू की गोद में जन्म लिया ,उससे प्रेम किया और उसी में समाहित हो गए। ताप्ती अंचल का हर राम ताप्ती की गोद में जन्म लेता है ,ताप्ती से प्रेम करता है और अंत में उसी में समाहित हो जाता है। ताप्ती तालाब और ताप्ती किनारे होने वाले उत्तरकर्म इसका प्रमाण है। ताप्ती केवल धरती के भूगोल में ही नहीं बहती ,वह जन -जन के अंतस में भी बहती है। वह अंतःसलिला है। कार्तिक माह में ताप्ती किनारे लगने वाले मेले उसी अंतर्प्रवाह का बाह्य प्रस्फुटन है।

वल्लभ डोंगरे ,सुखवाड़ा ,सतपुड़ा संस्कृति संस्थान ,भोपाल।

pawar samaj mahasabha mahasangh

लोकतान्त्रिक प्रक्रिया बहाल करने और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए –
“राष्ट्रीय राजा भोज महासंघ का गठन”
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होशंगाबाद। हर जिले ,हर क्षेत्र ,हर संभाग और हर प्रान्त के राजा भोज वंशीय पवार ,भोयर और परमारों को सम्मानजनक प्रतिनिधित्व देने और लोकतान्त्रिक प्रक्रिया से समाज के प्रतिनिधियों को चुनने के उद्देश्य से राष्ट्रीय राजा भोज महासंघ का गठन किया जा रहा है। उक्त आशय की विज्ञप्ति श्री नारायण पवार द्वारा जारी की गई। उल्लेखनीय है श्री नारायण पवार जिला कर्मचारी कांग्रेस होशंगाबाद के 20 वर्षों तक निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए और सेवानिवृत्ति के बाद से वे सेवानिवृत कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हैं।

अभी हाल ही में उन्हें असंगठित कामगार संघ का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। श्री नारायण पवार लगभग 40 वर्षों से ज्यादा से व्यवसायिक प्रशिक्षण स्टेनो और कप्यूटर ट्रेनिंग में दे रहे हैं जिससे लाभान्वित होकर हजारों की संख्या में युवक- युवतियां देश और प्रदेश के कार्यालयों में सेवारत हैं। श्री नारायण पवार आज भी नर्मदा परिक्रमा करने वाले श्रृद्धालुओं को अपने घर निःशुल्क भोजन और आवास की व्यवस्था कराते हैं और दसवां तथा तेरहवीं कार्यक्रम होशंगाबाद घाट पर नाममात्र व्यय पर संपन्न कराने में सहयोग करते हैं।

श्री नारायण पवार द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजा भोज महासंघ में प्रत्येक क्षेत्र के राजा भोज वंशीय पवार ,भोयर और परमारों के समाज संगठनों का सम्मानजनक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जायेगा। इस संगठन का रजिस्ट्रशन नई दिल्ली से कराया जा रहा है ताकि यह क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर लोकतान्त्रिक पद्धति से समाज सेवा का कार्य कर सके।

उल्लेखनीय है अभी राष्ट्रीय पवार क्षत्रिय महासभा केवल गोंदिया बालाघाट और भंडारा का प्रतिनिधित्व करता है एवं इन्ही क्षेत्रों के लोगों को प्रतिनिधित्व दिया जाता हैं जिससे समय समय पर उसपर आक्षेप भी लगते रहे हैं पर वे अपने छिपे एजेंडे पर चलने के लिए बाध्य हैं और चाहकर भी क्षेत्रवाद से ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं। यह संगठन समाज सदयों को वर्षों से भ्रमित करता आ रहा है और अन्य जिले और क्षेत्र के संगठनों की उपेक्षा करता आया है। उसके निमंत्रण पत्र में भी किसी क्षेत्र विशेष के लोगों को ही वरीयता दी जाती है।
श्री नारायण पवार ने सभी क्षेत्र के भोयर पवार और परमार समाज संगठन के सदस्यों और पदाधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे गोंदिया में हो रहे 14 ,15 जुलाई के आयोजन का बहिष्कार करें और राष्ट्रीय राजा भोज महासंघ के सदस्य बनकर और इससे जुड़कर क्षेत्रवाद के स्थान पर राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने में सहयोग करें। श्री नारायण पवार का मोबा न आपकी सुविधा के लिए दिया जा रहा है -9165868465

sarni chunav

आदरणीय बाबूराव जी को पुनः निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने पर ब्लाक इकाई घोड़ाडोंगरी बगडोना सारणी को जिला पावर समाज संगठन बैतूल की और से हार्दिक शुभकामनाएं..

क्षत्रिय पवार समाज संगठन के समस्त सामाजिक कार्यकर्ता बंधु एवं वार्ड प्रतिनिधि आप सभी की गरिमामयी उपस्थिति मे पूर्व सूचना के आधार पर   दिनांक 28 6 2018 को समाज की वार्षिक आमसभा   पवार मंगल भवन बगडोना मे दोपहर 2 बजे  से प्रारंभ मां गढकालिका व राजाभोज की पूजा के साथ  किया गया है

यह बैठक अति महत्वपूर्ण थी वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल पूर्ण होने पर वार्षिक आय व्यय का ब्यौरा कोषाध्यक्ष श्री मोहन बुवाडे  द्धारा रखा गया जिसे उपस्थित जनमानस ने ध्वनिमत से पारित किया साथ ही सहसचिव रमेश कोडले ने सचिव का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया अंत मे अध्यक्ष बाबूराव ढोले द्धारा अपना उद्बबोधन  दिया उसके पश्चात पुरानी कार्यकारिणी को अध्यक्ष द्धारा भंग करने की घोषना की गयी!

सभा भंग के पश्चात नवीन  कार्यकारिणी के गठन हेतु चुनाव अधिकारी श्री मनोहरलाल कामडी द्बारा पुनः सभा स्थल पर नवीन कार्यकारिणी के निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ की गयी जिसमे सर्वसम्मति से ध्वनिमत से पुनः बाबूराव ढोले को अध्यक्ष के रूप मे चुना गया सचिव के पद पर श्री इंदल चिकाने को चुना गया कोषाध्यक्ष के पद पर पुनः मोहन बुवाडे को चुना गया  है

सामाजिक  सभी स्वजाती बंधुओं ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियो का  फुलमाला से हार्दिक स्वागत व अभिनंदन किया  है कि सभी  वार्डो  के लोगो ने स्वागत किया आगामी समय मे कार्यकारिणी का विस्तार किया जायेगा  वार्षिक आमसभा  में उपस्थित लोगो को धन्यवाद दिया गया   आप सभी की गरिमामय उपस्थिति में   आमसभा हुई  आपका अपना बाबूराव ढोले अध्यक्ष क्षत्रिय पवार समाज संगठन बगडोना शोभापुर पाथाखेड़ा सारणी ब्लॉक घोड़ाडोंगरी के समस्त पदाधिकारी गण एवं कार्यकर्ता बंधु एवं वार्ड प्रतिनिधि!!

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sukhwada june ank
sukhwada June- 2018

सादर सूचनार्थ-

“सुखवाड़ा” ई मासिक जून 2018 अंक प्रेषित – कृषि विशेषांक

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सुखवाड़ा का जून 2018 कृषि विशेषांक डॉ विजय पराड़कर कृषि वैज्ञानिक और श्री सूर्यकान्त नागरे वैज्ञानिक के संपादन में निकला है जिसे सुखवाड़ा के पाठकों को ई मेल पर प्रेषित कर दिया गया है। आशा है, पाठक खरीफ की बोनी के पूर्व इसका अध्ययन कर इसका लाभ ले सकेंगे और कृषि में भरपूर लाभ कमा सकेंगे। कृषि विशेषांक की पहल और सामग्री संकलन हेतु सुखवाड़ा और सतपुड़ा संस्कृति संस्थान डॉ पराड़कर और श्री नागरेजी का ह्रदय से आभारी है।

सुखवाड़ा,सतपुड़ा संस्कृति संस्थान भोपाल

pawar mothers

गांव की माय –
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टूटी फूटी खाट प सुवय, हाथ सिराना ले ख माय
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मक्या की पेरी रोटी प भेदरा की चटनी सी माय।
रोज सबेरे पनघट पानी, रोज सबेरे चूल्हा माय।
लकड़ी फाटा कपड़ा लत्ता ,गोबर पानी करय माय
थोड़ी सी फुर्सत नी ओख, ओखरी सुपड़ा साई माय।
चूल्हा चौका रोज सरावय आँगन छड़ा डालय माय।
टूटी फूटी खाट प सुवय, हाथ सिराना ले ख माय।
आधी सुवय आधी जागय ,हर आरा प उठय माय।
सब ख अच्छो ताजो भोजन रुखो सूखो खाय माय।
घर म जब बीमार है कुई ते, डॉक्टर नर्स दाई माय।
सब्ख अच्छा कपड़ा लत्ता ,लुगड़ा डांडया पहरय माय।
टुकड़ा टुकड़ा जोड़ काथड़ी,घर म सब्ख जोड़य माय।
खान पेन ख भाऊ लावय घर म बरकत लावय माय।
घर म कुई नाराज है गर ते, मस्का नोनी साई माय।
दिन भर भी फुर्सत नी ओख,अउत का पाछ फिरय माय।
घट्टी दापका कोदो कुटकी, धान जसी पिसाय माय।
लेत नी वा कभी दवाई, जोड़य पाई पाई माय।
गाय बईल अउर बेटा बेटी, सब्की चिंता करय माय।
बेटा बेटी साईं खेत म, एक एक दाना बुवय माय।
नींदय खुरपय फसल देखय,देख देख हर्षावाय माय।
काटय उठावय दावन करय ,दुःख भूसा सी उड़ावय माय।
बेटा ख जब नज़र लगय ते मिर्ची धूनी साई माय।
बुरी नज़र उतारन साठी, गाल ढिठौना साई माय।
नागपंचमी राखी पोरा, बेटी लेन भिजावय माय।
बेटी जब ससुराल सी आवय राखी दिवाली साई माय।
यु भी खिला दिउ ऊ भी खिला दिउ,रांध रांध खिलावय माय।
हर सावन प बेटी ख पहरावय, नवतो लुगड़ा चोरि माय।
बेटी की जब बिदा करय ते, तब तब रोटी बाँधय माय।
बुढ़ापा म एकली हो गई ,छूट्या बेटा बहू माय।
देत नी आब कुई दवाई ,बनी गाठोड़ी साई माय।
मोटी ताजी बूढी काया,सूखी सुक्टी, ढांडा माय।
दवा नी दारू पेज नी पानी,कहाँ जाऊ कह रुवय माय।
जेन पाल्या सात सात ख,वा एक सी नी पलत माय।
-वल्लभ डोंगरे,सुखवाड़ा,सतपुड़ा संस्कृति संस्थान भोपाल।

chhindwara samuhik vivah

अभी भी कुछ लोग बाक़ी हैं जो राह मोड़ देते हैं –
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अक्षय तृतीया पर छिंदवाड़ा में सामूहिक विवाह सम्पन्न –
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पवार समाज संगठन छिंदवाड़ा द्वारा पहली बार ही सामूहिक विवाह में 5 जोड़े शामिल कर और अक्षय तृतीया पर सामूहिक विवाह का सफलतापूर्वक आयोजन कर समाज में एक स्वस्थ और सकारात्मक सन्देश प्रसारित प्रचारित किया है जिससे आने वाले दिनों में और भी लोग इस तरह की पहल करने का साहस कर पायेंगे। समाज का पैसा समाज में ही रखकर समाज को समृद्ध बनाने की यह पहल सामाजिक रीति रिवाजों के मामले में एक नई सोच विकसित कर समाज विकास की एक नई इबारत गढ़ सकती है। छिंदवाड़ा संगठन के पदाधिकारियों की इस शानदार पहल पर इतना ही कहा जा सकता है –
सलीक़े से हवाओं में जो ख़ुशबू घोल देते हैं!!
अभी भी कुछलोग बाक़ी हैंजो राह मोड़ देते हैं*!!
समाज के इस सामूहिक विवाह सम्मलेन अवसर पर छिन्दवाड़ा विधायक चौधरी चंद्रभान सिंह जी, निगम अध्यक्ष धर्मेंद्र मिगलानी जी , योगेश सदारंग जी ,पार्षदद्वय विजय पांडे जी, जगेंद्र अल्ड्कजी, द्वारा नव विवाहित नवदम्पत्ति को आशीर्वाद दिया गया साथ ही समाज के पूर्व अध्यक्ष श्री सेवाराम ख़ौसीजी, डॉ विजय पराडकर जी डॉ किरण बिसेन डी एफ ओ ,एवम सभी विकासखंडों से पधारे वरिष्ठ समाजजनो ने वर वधू को आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर युवाओं ने स्वेच्छा से सभी व्यवस्थाएं संभाली। आयोजन की खास बात यह रही कि वर वधू को शासन की ओर से सामूहिक विवाह के सभी लाभ मिलेंगे।
आयोजन में जिला संगठन,सभी ब्लॉक संगठन ,ग्राम इकाईयों, नगर इकाई छिन्दवाड़ा, नगर महिला प्रकोष्ठ, जिला युवा व् महिला प्रकोष्ठ के सभी सदस्यों का मिला भरपूर सहयोग मिला।आगन्तुको ने की आयोजन की भूरी भूरी प्रशंसा की।
पहली बार सामूहिक विवाह का आयोजन करने पर मन में थोड़ा अस्थिरता का भाव आना स्वाभाविक था पर –
वो बोलते रहे ,हम सुनते रहे ,
जवाब आँखों में था
वो लफ्जों में ढूंढते रहे।

कार्यक्रम की ख़ास बातें –
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5 बेटियों के परिवारजन व् जिला संगठन ने किया बारात का स्वागत ।
सभी दूल्हे व् बाराती आये पुरे उत्साह से ।
एक साथ 5 मंडप में पूरे विधि विधान से सम्पन्न हुई विवाह की रस्में।
अग्नि के फेरे लेकर समस्त समाज के समक्ष एक दूसरे को दिए 7 वचन ।
जीवन भर साथ निभाने का किया वादा ।

विशेष सहयोग
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रामदास पवार जी (भवन प्रबंधक),अनुराग पवार जी (टेंट संचालक),जगदीश पवार जी ( कार्यक्रम संयोजक)
श्री एन आर डोंगरे जी जिला अध्यक्ष, श्री महेश डोंगरेजी जिला सचिव जिला संगठन ,महिला प्रकोष्ठ,युवा प्रकोष्ठ पूर्ण टीम
युवा दल-देवीलाल पवार जी,हरीश घाघरे जी,युगल कड़वे जी,नितेश डोंगरे जी,स्नेहदीप पवार जी एवं टीम
प्रिंट सहयोग-पवार प्रिंटर्स गुलाबरा
आभार
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हेमंत कड़वे (अध्यक्ष),बलवन्त कड़वे (सचिव),यशवंत राव खापरे ( कोषाध्यक्ष)एवम समस्त पदाधिकारी नगर इकाई
क्षत्रिय पवार समाज संगठन छिन्दवाड़ा

छिंदवाड़ा संगठन लगन से रौशनी की सर्जना कर रहा है उसे बधाई ,क्योकि

आँधियाँ रचती रहीं, आतंक की उद्भावना। कर रहा है छिंदवाड़ा लगन से रौशनी की सर्जना।

सामग्री संयोजन व तस्वीर उपलब्धता-
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सौजन्य :श्री बलवंत कडवेकर व् श्री सूर्यकान्त नागरे

सुखवाड़ा ,सतपुड़ा संस्कृति संस्थान भोपाल।

sukhwada april ank
सुखवाड़ा, April-2018

“सुखवाड़ा” मासिक ई पत्रिका आपके ई मेल पर प्रेषित –
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सुखवाड़ा अप्रैल 2018 का अंक आपके ई मेल पर प्रेषित कर दिया गया है। कृपया अंक पर अपनी सार्थक प्रतिक्रिया से हमें अवगत करा सकें तो हमें सुखवाड़ा को और अधिक पठनीय और संग्रहणीय बनाने में मदद मिलेगी। सादर।
सुखवाड़ा टीम ,सतपुड़ा संस्कृति संस्थान भोपाल।

 

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