👉एक सामाजिक पहल👈
🏆 किया जा सकता है
समाज का नोबल पुरस्कार स्थापित -🏆
————————————–
हर क्षेत्र की प्रतिभा को किया जायेगा सम्मानित –
————————————–
शासकीय सेवक व्हाट्सअप समूह उठाएगा ,स्वेच्छा से व्यय –
————————————–
गरिमामय व् भव्य आयोजन प्रतिवर्ष भोपाल में –
—————————————-
भोपाल। हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाली समाज की प्रतिभाओं को राष्ट्रिय स्तर पर प्रतिवर्ष भोपाल में आयोजित गरिमामय और भव्य आयोजन में समाज के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाना विचारणीय एवं प्रस्तावित है। प्रारम्भ में इसकी पहल केंद्र व् राज्य सरकार के शासकीय सेवक समूह और “सुखवाड़ा” के संयुक्त तत्वावधान में की जा सकती है। आवश्यकता पड़ने पर इसमें स्वेच्छा से सहयोग करने वाले सामाजिक बंधुओं का सहयोग लेने पर भी विचार किया जा सकता है। इस आयोजन में पवार बाहुल्य जिलों की प्रतिभाओं के साथ- साथ देश- विदेश और हर राज्य की समाज की चुनिंदा प्रतिभाओं का सम्मान किया जाना सुनिश्चित किया जा सकता है।
समाज के इस नोबेल पुरस्कार का नामकरण समाज के इतिहास पुरुष व् चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य , राजा और साहित्यकार भृतहरि तथा लोकनायक राजा भोज के समन्वित नाम पर किया जा सकता है ताकि समाज की इन तीनों महान विभूतियों के व्यक्तित्व व् कृत्तित्व से वर्तमान पीढ़ी को परिचित कराया जा सके और उनके योगदान को इतिहास में अमर बनाये रखने हेतु इसे भावी पीढ़ी तक पहुँचाया जा सके। इस तरह समाज के इस नोबल पुरस्कार का नाम “विक्रम भृतहरि भोज सम्मान “रखा जाना उचित प्रतीत होता है।
सम्मान हेतु प्रतिभाओं का चयन समाज व् देश के लिए किसी भी क्षेत्र में किये गए उल्लेखनीय योगदान को ध्यान में रखकर किया जा सकता है । प्रतिभाओं के चयन में शासकीय सेवक समूह और सुखवाड़ा का एकाधिकार रखा जा सकता है ताकि चयन में किसी भी तरह के बाहरी हस्तक्षेप को रोका जा सके और इसकी विश्वसनीयता को बनाये रखा जा सके ।
प्रारम्भ में प्रतिवर्ष आयोजित किये जाने वाले इस आयोजन का व्यय शासकीय सेवक समूह द्वारा वहन किया जाना विचारणीय एवं प्रस्तावित है। ऐसा करने से शासकीय सेवक भी समाज के प्रति अपने सरोकार सिद्ध कर एक अच्छी पहल का उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं । इस पहल के दूरगामी और अच्छे परिणाम सामने आ सकते हैं। आवश्यकता पड़ने पर इसमें समाज स्तर से भी सहयोग लेने पर विचार किया जा सकता है। इस आयोजन हेतु सहयोग राशि प्रथम व् द्वितीय श्रेणी के प्रत्येक अधिकारी, कर्मचारी 1000 रुपये व तृतीय तथा चतुर्थ श्रेणी के प्रत्येक अधिकारी कर्मचारी 500 रुपये निर्धारित की जा सकती है । यह राशि समूह के खाते में जमा की सकती है एवं संयुक्त हस्ताक्षर से ही आहरित किये जाने के प्रावधान किये जा सकते है जिससे राशि का शत – प्रतिशत उपयोग केवल आयोजन हेतु किया जाना सुनिश्चित किया जा सके । राशि के संकलन व व्यय में पूरी पारदर्शिता बरतने हेतु प्रति वर्ष आय- व्यय का विवरण सभी से साझा किये जाने के प्रावधान किये जा सकते है ।
इस विषय पर आप सभी के सुझाव आमंत्रित है ताकि शीघ्र इसे अंतिम रुप प्रदान कर इसपर अमल सुनिश्चित किया जा सके।
सादर विचारार्थ एवं सुझावार्थ प्रस्तावित
द्वारा
वल्लभ डोंगरे ( संपादक ,सुखवाड़ा) भोपाल.
बलवंत कडवेकर (शासकीय सेवक समूह एडमिन ) छिन्दवाड़ा .