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mahila shakti in pawar samaj betul

महिला सशक्तिकरण : राजभोज जयंती उत्सव- (बैतूल , छिंदवाड़ा एवं बालाघाट -मातृ शक्तिओ का वर्चस्व) “में महिला मोर्चा अध्यक्ष श्रीमती कंचन पठारे सहित सभी माता/बहनों ने हल्दी- कुमकुम का कार्यक्रम किया। शोभायात्रा प्रारम्भ से लेकर कार्यक्रम समाप्ति तक अपनी उपस्थिति दी। मंगल भवन के मुख्य द्वारा पर सभी बड़े बुज़ुर्ग एवं युवा भाइयों का तिलक सम्मान किया। मंच पर महिलाओं का सम्मान कर नवाचार का परिचय भी दिया तथा राजाभोज जयंती उत्सव में नारी शक्ति का परचम लहराकर कार्यक्रम को सफल बनाने में बहुमूल्य योगदान दिया। आगामी कार्यक्रमों में भी नारी शक्ति अग्रणी रहें।आप सभी माता/बहनों को  पवार समाज ज़िला संगठन की ओर बहुत-बहुत धन्यवाद, आभार।

निस्संदेह सहजता से हर एक दिन भिन्न- भिन्न भूमिकाएं जीते हुए , महिलायें किसी भी समाज का स्तम्भ है । हमारे आस पास महिलायें ,सहृदय बेटियां , संवेदनशील माताएं , सक्षम सहयोगी और अन्य कई भूमिकाओं को बड़ी कुशलता व् सौम्यता से निभा रहीं है।

महिला सशक्तिकरण : अपनी निजी स्वतंत्रता और स्वयं के फैसले लेने के लिये महिलाओं को अधिकार देना ही महिला सशक्तिकरण है। परिवार और समाज की हदों को पीछे छोड़ने के द्वारा फैसले, अधिकार, विचार, दिमाग आदि सभी पहलुओं से महिलाओं को अधिकार देना उन्हें स्वतंत्र बनाने के लिये है। समाज में सभी क्षेत्रों में पुरुष और महिला दोनों को लिये बराबरी में लाना होगा । देश, समाज और परिवार के उज्जवल भविष्य के लिये महिला सशक्तिकरण बेहद जरुरी है। महिलाओं को स्वच्छ और उपयुक्त पर्यावरण की जरुरत है जिससे कि वो हर क्षेत्र में अपना खुद का फैसला ले सकें चाहे वो स्वयं, देश, परिवार या समाज किसी के लिये भी हो। देश को पूरी तरह से विकसित बनाने तथा विकास के लक्ष्य को पाने के लिये एक जरुरी हथियार के रुप में है महिला सशक्तिकरण।

इस देश में आधी आबादी महिलाओं की है इसलिये देश को पूरी तरह से शक्तिशाली बनाने के लिये महिला सशक्तिकरण बहुत जरुरी है। उनके उचित वृद्धि और विकास के लिये हर क्षेत्र में स्वतंत्र होने के उनके अधिकार को समझाना महिलाओं को अधिकार देना है। महिलाएँ राष्ट्र के भविष्य के रुप में एक बच्चे को जन्म देती है इसलिये बच्चों के विकास और वृद्धि के द्वारा राष्ट्र के उज्जवल भविष्य को बनाने में वो सबसे बेहतर तरीके से योगदान दे सकती है।

महिला सशक्तिकरण : राजभोज जयंती उत्सव “ में श्रीमती कंचन पठारे सहित सभी माता/बहनों
व मातृ शक्तिओ का वर्चस्व व् अहम् भागीदारी बहुत बहुत आभार!!!

महेंद्र डिगरसे – Bangalore
www.pawarmatrimonial.com

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राजा भोज जयंती समारोह बिछुआ 22/01 /2018
छिन्दवाड़ा जिले के कोने कोने से कार्यक्रम में पधारे  समस्त सामाजिक बंधुओं व मातृ शक्तिओ का बहुत बहुत आभार । समस्त सामाजिक  कार्यकर्ता जिन्होंने प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से रात दिन मेहनत कर इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को सफल बनाया उन्हें नमन। विशेष बात कि इतने बड़े आयोजन व रैली में किसी बात को लेकर कँही भी अव्यवस्था नही हुई ये हमारे समाज के लिए बड़ी उपलब्धि है।

पारिवारिक टीका फलदान पर आम सहमति बनना  इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी उपलब्धि है।  आप सभी का बहुत बहुत आभार ।भविष्य में भी इसी तरह के सहयोग की अपेक्षा में
🌹🙏🏼🌹
अर्जुन पवार( चोपड़े)
ब्लाक प्रभारी बिछुआ
जिला क्षत्रिय पवार समाज संगठन छिन्दवाड़ा।

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22 जन 2018 राजा भोज जयंती पर विशेष –

वे दूसरों की सहायता करते तो लगता मानो लक्ष्मी ही धन की वर्षा कर रही हो,जब वे लिखते तो लगता मानो सरस्वती ही उनकी कलम में उतर आई हों और जब वे युद्ध के मैदान में होते तो लगता मानो दुर्गा ही उनकी तलवार में उतर आई हों।


राजा भोज के चित्र को ध्यान से देखें। माँ वाग्देवी की आराधना में वे लीन हैं। उनके बगल में तलवार लटकी हुई है। कद काठी मजबूत है। शरीर बलिष्ठ है। उनका पूरा व्यक्तित्व ही शिक्षाप्रद है। माँ वाग्देवी की पूजा करना इस बात का प्रतीक है कि हमारी बहन बेटी बहू माँ वाग्देवी स्वरूपा हैं। उनके मान सम्मान की रक्षा करना ही उनकी सच्ची आराधना है। हमारे समाज में पिता बेटी के और भाई बहन के चरण स्पर्श करता है। हमारे घर में लक्ष्मी स्वरूपा लाई जाने वाली बहू के भी ससुर चरण स्पर्श करते हैं। माँ बहन बेटी बहू सरस्वती लक्ष्मी पार्वती स्वरूपा होती हैं। भोज का व्यक्तित्व हमें यही सीख देता है कि जीवन में नारी का सम्मान करने से ही व्यक्ति का व्यक्तित्व निखरता है।


राजा भोज के हाथ में जो तलवार है वह कर्म का प्रतीक है।तलवार तत्परता और स्फूर्ति का प्रतीक मानी जाती है। कर्म करके ही जीवन को सार्थकता प्रदान की जा सकती है। 17 बार सोमनाथ को लूटने वाला गजनवी जब बेशर्मी की सारे हदें पार कर जाता है तब राजा भोज को अपनी तलवार निकालना पड़ता है। बहन बेटियों की आबरू की रक्षा के लिए राजा भोज को तलवार उठानी पड़ती है। मुँह ताकना और हाथ पे हाथ धरे बैठना क्षत्रियों को शोभा नहीं देता। भोज यही सीख देते है कि जरुरत पड़ने पर प्राणों की बाजी लगाने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।


राजा भोज कर्म प्रधान विश्व करि राखा के प्रबल समर्थक और सटीक उदाहरण थे। उन्होंने 55 वर्ष की आयु में 84 किताबें और 120 काव्य लिखकर तलवार के साथ कलम को भी साध रखा था। राजा होने के कारण उनपर लक्ष्मी की कृपा तो थी ही सरस्वती और दुर्गा की भी उनपर असीम कृपा थी। वे दूसरों की सहायता करते तो लगता मानो लक्ष्मी ही धन की वर्षा कर रही हो,जब वे लिखते तो लगता मानो सरस्वती ही उनकी कलम में उतर आई हों और जब वे युद्ध के मैदान में होते तो लगता मानो दुर्गा ही उनकी तलवार में उतर आई हों।


उनका स्वस्थ और सुन्दर शरीर यही सन्देश देता है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन पाया जाता है। मन को मंदिर की संज्ञा दी गई है। स्वस्थ मन होने पर ही स्वस्थ निर्णय लिए जा सकते हैं। जीवन में उन्होंने प्रतिभाओं को सम्मान दिया और अपने दरबार में उनको सदैव ही उच्च स्थान प्रदान किया। उनके दरबार में सदैव उच्च कोटि के विद्वानों की परिचर्चाएं आयोजित हुआ करती थीं। दक्षिण से 400 विद्वानों को अपने दरबार में स्थान देकर उन्होंने यही बताने की कोशिश की कि प्रतिभाओं के सम्मान और उनके सानिध्य में ही जीवन का सच्चा विकास संभव है।

राजा भोज द्वारा 1000 वर्ष पूर्व विज्ञान, तकनीकी,यांत्रिकी, ज्योतिष आदि का इतना विकास कर लिया गया था कि आज का जीवन भी उनके जीवनकाल के समय से काफी पीछे का प्रतीत होता है। उनका विकसित जीवन हमें जीवन में नवीन ज्ञान तकनीकी को यथोचित स्थान देने की सीख देता है।समय के साथ चलने के लिए हमें लीक से हटकर अपने जीवन में आवश्यक सुधार लाने और अपनाने की सीख देता है।

हमें चाहिए कि रूढ़िवादिता, अन्धविश्वास,कुरीति,मृत्युभोज,दहेज़,बलि प्रथा,चुट्टी आदि आदिम काल से चली आ रही कुरीतियों और परम्पराओं को त्यागकर नवीन को धारण कर अपने स्वस्थ सुखी और सुविकसित जीवन की नींव रखें। राजा भोज जयंती मनाना तभी सार्थक होगा जब हम आडम्बर से बचकर उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का हर संभव प्रयास करेंगें। केवल राजा भोज के चित्र पर माला और पुष्प चढ़ाकर,जय राजा भोज के नारे लगाकर,फेसबुक पर जय राजा भोज लिखकर या एक दिन आयोजन में भीड़ का हिस्सा बनकर भोज जयंती मनाना महज औपचारिकता होगी।

-वल्लभ डोंगरे,सुखवाड़ा, सतपुड़ा संस्कृति संस्थान भोपाल।

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जिला क्षत्रिय पवार समाज संगठन छिंदवाड़ा के तत्वावधान में बिछुआ नगर में प्रतिवर्ष होने वाले राजा भोज जयंती एवं सम्मान समारोह का आयोजन 22 जनवरी को पवार समाज संगठन बिछुआ….पवार समाज के सभी सामाजिक बंधुओं द्वारा बड़े जोर शोर से की जा रही राजा भोज जयंती के आयोजन की तैयारी…..!!!

उमरानाला:- जिला क्षत्रिय पवार समाज संगठन छिंदवाड़ा के तत्वावधान में बिछुआ नगर में प्रतिवर्ष होने वाले राजा भोज जयंती एवं सम्मान समारोह का आयोजन 22 जनवरी को पवार समाज संगठन बिछुआ के सानिध्य में होने जा रहा है जिसके आयोजन को लेकर जिला छिंदवाड़ा सहित आसपास के सैकड़ों ग्रामीणों के सामाजिक बंधुओं द्वारा इस कार्यक्रम की तैयारी बड़े ही जोर शोर से की जा रही है शहरी क्षेत्रों एवं ग्रामीण अंचलों के प्रत्येक गांव में कार्यक्रम के आयोजन के फ्लेक्स के लगाए गए हैं एवं घर-घर जाकर आमंत्रण दिए जा रहे हैं एवं सभी पवार समाज के सामाजिक बंधुओं से विशेष आग्रह किया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में शामिल होवे तथा विशाल रैली में भी इन्हें शामिल होने हेतु जिला क्षत्रिय पवार समाज संगठन ने विशेष आग्रह किया है

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वहीं करीब 500 गांव से पवार समाज के सामाजिक बंधुओं की दो पहिया वाहन एवं चौपहिया वाहनों से रैली जैसे कि छिंदवाड़ा ,परासिया, जुन्नारदेव ,दमुआ मोहखेड़ , रजाड़।, उमरेठ, मोर डोंगरी,सारोठ ,सौसर, पांढुर्णा सहित ग्रामीण अंचलों से विशाल रैली में सामाजिक बंधु गण शामिल होंगे यह रैली विभिन्न ग्रामीण अंचलों से होते हुए 22 जनवरी को सुबह 9:00 बजे उमरानाला पहुंचेगी यहां पर स्वल्पाहार करने के पश्चात 10:00 बजे उमरानाला से यहां विशाल रैली का जन समुदाय उमरानाला से एकत्रित होकर अडवार ,तुर्की खापा, गोहजर, सारंग बिहरी, मार्ग से होते हुए बिछुआ रैली पहुंचेगी

बिछुआ नगर में 22 जनवरी को आयोजित होने वाले राजा भोज जयंती कार्यक्रम एवं प्रतिभा सम्मान समारोह कार्यक्रम में दोपहर 11:00 बजे यह विशाल रैली पहुंचेगी इस रैली में सभी साम��

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बिछुआ नगर में 22 जनवरी को आयोजित होने वाले राजा भोज जयंती कार्यक्रम एवं प्रतिभा सम्मान समारोह कार्यक्रम में दोपहर 11:00 बजे यह विशाल रैली पहुंचेगी इस रैली में सभी सामाजिक बंधुओं  द्वारा जय राजा भोज के नारे लगाए जाएंगे एवं राजा भोज की झांकी रथ के साथ सवार होकर उमरानाला से निकलेगी जो कि बिछुआ डीजे गाजे बाजे के साथ पहुंचेगी

महिलाएं- युवतियां भी होगी इस रैली में शामिल:-

बिछुआ नगर में 22 जनवरी दिन सोमवार को आयोजित होने वाले राजा भोज जयंती एवं प्रतिभा सम्मान समारोह के इस कार्यक्रम में शामिल होने वाली विशाल दुपहिया वाहन एवं चौपहिया वाहन से रैली विभिन्न ग्रामों शहरों से निकाली जा रही है जिसमें पवार समाज की युवतियों एवं महिलाओं को भी इस रैली में इस बार विशेष तौर पर शामिल किया जाएगा जिसमें दुपहिया वाहन स्कूटी एवं चौपहिया वाहनों से महिलाएं इस रैली में शामिल हो सकेगी एवं इन्हें इस कार्यक्रम में इस बार विशेष तौर पर मौका दिया जा रहा है जहां भारी संख्या में युवतियां एवं महिलाएं विशाल रैली में शामिल होंगी।

22 जनवरी को लेंगे सभी शासकीय कर्मचारी छुट्टी एवं प्रतिष्ठान बंद रहेंगे

बिछुआ नगर में 22  जनवरी दिन सोमवार को आयोजित होने वाले राजा भोज जयंती एवं प्रतिभा सम्मान समारोह के कार्यक्रम को लेकर पवार समाज के सभी शासकीय कर्मचारी छुट्टियां लेकर इस कार्यक्रम में शामिल होंगे एवं सभी शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिष्ठान भी बंद रख कर इस कार्यक्रम में सभी व्यवसायीगण भी शामिल होंगे

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छिंदवाड़ा क्षत्रिय समाज के द्वारा राजा भोज केी मूर्ति छिंदवाड़ा जिले में लगाने का प्रयास हुआ सफल…

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धातु से बानी ७ फ़ीट ऊंची प्रतिमा जून माह में छिंदवाड़ा ला ली गई थी |

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कार्य प्रारंभ हो गया

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छिंदवाड़ा क्षत्रिय समाज के द्वारा राजा भोज केी मूर्ति छिंदवाड़ा जिले में लगाने का प्रयास किया जा रहा है किन्तु प्रशासन की ओरे से इसमें सहायता नहीं की जा रही है, हमारा समाज इतना बड़ा है पवार समाज जैसे बहुल क्षेत्र में भी अगर हमारी अनदेखी की जारी है तो अब हमें या सोचना चाहिए की क्या सभी पवार समाज एक साथ मिलकर इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाना चाहिए, अब वक्त आ गया है…. जरा विचार कीजिये….?????

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ये है राजा भोज की प्रतिमा…।
यह प्रतिमा समाज के उदार ह्रदय वाले दानदाताओं ने धन संग्रह कर लगभग 5 लाख रूपए में बनवाई है। जून माह से यह प्रतिमा मधुबन कालोनी में यशवंत पवार जी के निवास पर रखी है। छिंदवाड़ा विधायक चंद्रभान चौधरी जी ने चबूतरा स्थापना के लिए विधायक निधि से दो लाख रुपए की स्वीकृति दी है। प्रतिमा के लिए वीआईपी रोड पर सर्किट हाऊस के सामने जिला प्रशासन ने जमीन भी आवंटित कर दी है। नगरनिगम ने चबूतरा निर्माण के लिए टेंडर भी मंजूर कर दिया है। जानकारी मिली है कि विधायक जी के निर्देश पर नगरनिगम के इंजीनियर सोमवार को चबूतरे का लेआउट डालने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा।

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