81 ,000 रुपये दिए गए “समाज के नोबेल पुरस्कार” हेतु विभांशु और मेघा द्वारा –
—————————
अपने विवाह को स्मरणीय बनाने के लिए की गई अभूतपूर्व पहल वर- वधू द्वारा –
—————————-
इस राशि से मातृ -पितृ विहीन,अनाथ और मेधावी गरीब बच्चों को दी जाएगी पढ़ने हेतु सहायता राशि –
——————————
भोपाल। अपने विवाह को स्मरणीय बनाने के लिए वर-वधू विभांशु और मेघा द्वारा अपनी परिणय तिथि 9 मार्च पर “समाज के नोबेल पुरस्कार ” हेतु 81,000 (इक्यासी हजार रूपये) की राशि प्रदान कर एक अभूतपूर्व पहल की गई है। इस राशि का उपयोग मातृ -पितृ विहीन,अनाथ और मेधावी गरीब बच्चों को पढ़ने हेतु सहायता प्रदान करने के लिए किया जायेगा।
शगुन के तौर पर इस राशि से समाज की मातृ -पितृ विहीन मेधावी दो बालिकाओं को सीधे वर-वधू द्वारा सहायता राशि प्रदान की जा रही है-
1. कु रवीना बुवाड़े पिता श्री बंशीलाल बुवाड़े ग्राम परमंडल,तह.मुलताई ,जिला बैतूल। कु रवीना पितृ विहीन है और माँ कृषि से गुजर बसर करती है। कु रवीना कक्षा 10वीं में 83. 5 % और कक्षा 12 वीं में 89 % अंक गणित विषय के साथ अर्जित कर उत्तीर्ण हुई है। सिर पर पिता का साया न होते हुए भी कु रवीना में पढाई के प्रति जज्बा और जूनून प्रशंसनीय है। प्राप्त मेधावी छात्रवृत्ति से ही वह इंदौर में रहकर अपनी पढाई कर रही है। कु रवीना को सहायतार्थ राशि रुपये 5000/-उसके खाते में जमा की जा रही है।
2. कु हिमांशी डोंगरदिये पिता श्री कृष्णा डोंगरदिये ग्राम मयावाड़ी तह मुलताई ,जिला बैतूल। आठ वर्षीया कु हिमांशी माता विहीन है। हिमांशी अपनी मौसी नीलिमा के साथ मुलताई में रहती है और वह अंग्रेजी पब्लिक स्कूल की कक्षा तीसरी में पढ़ती है। उसकी पढाई का व्यय उसके नाना-नानी उठा रहे हैं। छोटी -सी वय में माँ का साया सर से उठने पर भी हिमांशी हिम्मत नहीं हारी है। हिमांशी के कृषक पिता ग्राम मयावाड़ी में रहते हैं। कु हिमांशी को सहायतार्थ राशि रुपये 1000 उसे प्रदान करने की जा रही है।
शेष राशि रुपये 75 ,000 (पचहत्तर हजार) ‘समाज के नोबेल पुरस्कार” के खाते में जमा की जा रही है।
“सुखवाड़ा” ई -दैनिक और मासिक वर-वधू के इस निर्णय की प्रशंसा करते हुए उनके स्वस्थ सुखी संपन्न वैवाहिक जीवन की कामना करता है।
“सुखवाड़ा” ई -दैनिक और मासिक