पराक्रमी पुरुषार्थी ही नहीं, प्रयोगधर्मी पवार भी
प्रयास ही नही, सार्थक संदेश देने का सार्थक प्रयास भी
परंपरागत पंगत प्रथा ही नहीं प्रेरक प्रयोग भी
पवार केवल पराक्रमी पुरुषार्थी ही नहीं होते, प्रयोग धर्मी भी होते हैं। पवार केवल सार्थक प्रयास ही नहीं करते , सार्थक संदेश भी देते हैं। पवार केवल परंपरागत पंगत के लिए ही नहीं जाने जाते, पंगत में प्रयोग के लिए भी जाने जाते हैं।
घर से दूर अपने लिए घर ही नहीं पूरा गांव बसाने वाले, केवल अपने लिए ही रोजी-रोटी का प्रबंध नहीं, अपने बूढ़े माता-पिता और छोटे भाई बहनों का भी प्रबंध करने वाले, अपने घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर अपनी बोली भाषा और संस्कृति को जीने वाले ,छिंदवाड़ा और बैतूल के गांव-गांव से पहुंचने वाले और विपन्नता में भी संपन्नता लाने वाले कोई और नहीं अपने ही भाई बहन हैं।
यह धार के समीप होने का परिणाम हो या धार के कर्णधारों के प्रताप का असर पर संगठन ने हर बार अपने कार्यक्रम को धार प्रदान करने का प्रयास किया है।
जी हां ,यह कोई और नहीं ,महू, राऊ, पीथमपुर , इंदौर के भाई बहनों द्वारा 12 जनवरी 2020 को मऊ में किए गए प्रयोग हैं। संगठन के पदाधिकारियों द्वारा 12 जनवरी 2020 के अपने आयोजन को स्वामी विवेकानंद पर केंद्रित करके और अतिथियों को उनकी फोटो भेंट करके विवेकानंद को जीने का प्रयास किया गया है। और एक सार्थक प्रयास के द्वारा सार्थक संदेश देने का प्रयास किया गया है। परंपरागत पंगत में नया प्रयोग करके कुछ हटकर करने का प्रयास किया गया है। प्रस्तुत दोनों चित्र स्वयं हकीकत बयां करते हैं। विश्वास न हो तो खुद आप अपनी आंखों से देख लीजिए। आपकी सुविधा के लिए दो चित्र संलग्न है।
राऊ ,पीथमपुर, मऊ और इंदौर के सभी भाई बहनों को सादर नमन्। आपके पुरुषार्थ और प्रयोग धर्मिता को नमन्।
आपका “सुखवाड़ा” ई-दैनिक और मासिक।