श्री बलराम डाहरे : जीवित राजा भोज
झूठी पड़ी कहावत -“कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगू तेली”
हमारे अपने बीच के ही साथी श्री बलराम डाहरे ने इस कहावत को ही झूठा साबित कर दिखाया है। एक रंक ने आज वह कर दिखाया है जो वर्षों पूर्व किसी राजा ने कर दिखाया था। मृत राजा भोज की कथा कहानी तो आपने सुन रखी है पर हमारे बीच जिन्दा राजा भोज को बहुत कम लोग जानते है। श्री बलराम डाहरे को जीवित राजा भोज कहना अतिशयोक्ति हो सकती है पर उनके लिए इससे उपयुक्त और कोई विशेषण प्रतीत ही नहीं होता। राजा भोज द्वारा भोपाल के निकट भोजपुर में शिव मंदिर बनाया गया था जिसे मालवा का सोमनाथ कहा जाता है। भोपाल के ही समीप मण्डीदीप स्थित 55 सीढ़ी मंदिर प्रांगण में श्री बलराम डाहरे द्वारा 65 फ़ीट ऊँचा श्री राम जानकी मंदिर बनाकर अपने पूर्वज राजा भोज की परंपरा को आगे बढ़ाया है और इस कहावत को झूठा साबित कर दिया है जो इतिहास प्रसिद्ध है -कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगू तेली। इस मंदिर में जयपुर से मंगवाया गया संगमरमर का साढ़े चार फ़ीट ऊँचा राम दरबार स्थापित है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहाँ से राजा भोज निर्मित भोजपुर शिव मंदिर दिखाई देता है। बैहर बालाघाट के राम मंदिर से भी भव्य और मनोरम यह मंदिर पवारों की शान में चार चाँद लगा रहा है। भोपाल आते जाते इसका दर्शन लाभ लिया जा सकता है। य़ह मंदिर रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से मात्र एक डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस महान कार्य के एवज में श्री बलराम डाहरे को कभी बधाई देने का मन करे या उनसे बात करने का मन करें तो उनका मोबाइल न है -08889913842 ,09009408298